नॉएडा में कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद प्रशासनिक तौर तरीको में भी बदलाव देखने को मिल रहा है I अब तक किसी भी मुद्दे पर सीधे एसएसपी से मिलकर अपना ज्ञापन देने वालो के लिए ये अब संभव नहीं I उनको कानून व्यवस्था पर प्रशानिक अनुक्रम के जरिये ही बातें करनी होगी यानी सीधे पुलिस कमिश्नर की जगह अपने अपने क्षेत्र के DCP से मिलकर समस्याओं पर चर्चा करनी होगी
दरअसल कल नेफोमा ने मीडिया को भेजे अपने प्रेस रिलीज में आरोप लगाया की उन्होंने नॉएडा के पुलिस कमिश्नर से ग्रेटर नॉएडा वेस्ट के बहुचर्चित गौरव चंदेल हत्याकांड पर हो कार्यवाही पर चल रही हीलाहवाली पर मिलने का समय माँगा था जिस पर कमिश्नर अलोक सिंह ने अपने क्षेटर के DCP से बात करने पर जबाब दिया
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि बकायदा हम लोग अपॉइंटमेंट लेकर कमिश्नर साहब से मिलना चाहते थे क्योंकि वह एक बड़े अधिकारी है और भी बहुत काम होते है उनके पास, हमने अपना परिचय भी दिया लेकिन कमिश्नर साहब ने मेसेज किया आप अपने इलाके के डीसीपी से मिले, अगर कमिश्नर जनता के प्रतिनिधि से ही मिलने का टाइम नही देगे तो आम जनता कैसे मिल पाएगी
क्या फायदा हुआ कमिश्नरी प्रणाली से : नेफोमा महासचिव
वहीं नेफोमा महासचिव ने आरोप लगाया ग्रेटर नोएड़ा वेस्ट में कमिश्नरी लागू होने से क्या फायदा हुआ, चोरी, लूट की वारदातों में कमी तो आई नहीं, कमिश्नर साहब से टीम अपनी बात रखना चाहती थी जबकि कमिश्नर आलोक सिह रोज अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियो से मिल रहे है, हम सभी जनता के लिए और ग्रेटर नोएड़ा वेस्ट को एक अच्छी सिटी बनाने का प्रयास कर रहे है, कोई अपने पर्सनल काम से तो मिलना नही चाहते थे, पुलिस के बड़े अधिकारी जब सवांद का यह तरीका अपनाएगें तो और नीचे के अधिकारियों के हौसले कितने बड़े होंगे ।