इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि आधुनिक दिल्ली को बनाने में कांग्रेस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है तेज रफ्तार से भागती मेट्रो विश्वविद्यालय अस्पताल स्तरीय स्कूल (प्रतिभा विकास विद्यालय), फ्लाईओवर, प्रदूषण रहित सीएनजी बस आदि प्रत्यक्ष प्रमाण हैl सस्ती शिक्षा और चिकित्सा,निर्बल परिवार के बच्चियों के लिए लाडली योजना एवं गरीब छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं, स्कॉलरशिप पूरे देश में दिल्ली आकर्षण का केंद्र कांग्रेस के जमाने से ही है l
अभी हाल में ही लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस कई जगहों पर सेकंड पोजीशन पर रही है एवं एमसीडी चुनाव में भी कुछ सीटें लाई थी l
फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि कॉन्ग्रेस का मत प्रतिशत विधानसभा चुनाव में एकदम गिर गया जिसके कारण आम आदमी पार्टी को 62 सीटें आ गई l इसका एक कारण तो यह है की टिकट वितरण रहा जिसके कारण कार्यकर्ता उदासीन हो गएl
दूसरा सबसे बड़ा कारण वोटरों का धार्मिक ध्रुवीकरण शाहीन बाग के आड़ में रहा, जिसे मीडिया एवं सोशल मीडिया के सहारे जबरदस्त हवा दी गई l दिल्ली का वोटर CAA, के समर्थन एवं विरोध में खड़े होकर एकजुट होकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी को वोट किया l
कांग्रेस का मेनिफेस्टो सर्वश्रेष्ठ था बिजली,पानी फ्री, कैश बैक पॉलिसी, प्रदूषण मुक्त, विकसित दिल्ली,सस्ती शिक्षा एवं चिकित्सा का वादा कांग्रेस ने भी किया थाl कांग्रेस पहले से भी यह सब करती रही है l
शाहीन बाग के मसले पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने लीड ले रखा था l मीडिया एवं सोशल मीडिया के सहारे जबरदस्त ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया lयहां तक कहा गया कि शाहीन बाग एवं जामिया में जो भी अराजकता फैलाने का काम किया गया उसमें कहीं ना कहीं आम आदमी पार्टी और बीजेपी के लोगों का हाथ थाl दोनों पार्टियों ने सोशल मीडिया एवं मीडिया का भरपूर प्रयोग किया lप्रदर्शन स्थल पर फायरिंग एवं अन्य प्रोपेगंडा में इन्हीं दोनों पार्टियों की संलिप्तता निकल रही थी lजिसके कारण दिल्ली का वोटर दो खेमों में साफ-साफ बट गया l बीजेपी के नेताओं ने जहां विषवमन किया, गद्दार पाकिस्तानी गोली मारो आदि बातें कहीं तो वहीं पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सीधे-सीधे शाहीन बाग के लोगों के साथ खड़े रहने की बात कर दी l
जबकि अंदरूनी खींचतान के कारण कॉन्ग्रेस के वोटर एवं कार्यकर्ता बाहर निकले ही नहीं,जिससे कि कांग्रेस का मतदान का प्रतिशत गिर गया और आम आदमी पार्टी बहुमत में आ गई l टिकट वितरण में असमानता थी lकुछ निष्क्रिय नेताओं को एवं उनके बेटे बेटियों को टिकट दे दिया गया था जिससे कांग्रेस में असंतोष का वातावरण हो गया एवं कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गएl कई नेताओं ने तो प्रचार-प्रसार से कन्नी काट ली थी l अगर कांग्रेस थोड़ा भी जोड़ लगाती तो इसके कई सीट विधानसभा में निकलते एवं आम आदमी पार्टी मुश्किल से दहाई अंक छू पाती l लेकिन इस स्थिति में बीजेपी बढ़त की संभावना थी l दिल्ली में हिंदू मुस्लिम के बीच की सामाजिक खाई और चौड़ी हो जाती l
आम आदमी पार्टी को कांग्रेस को शुक्रिया अवश्य करना चाहिए, कॉन्ग्रेस के कारण ही आम आदमी पार्टी को दिल्ली में संजीवनी मिली अन्यथा आम आदमी पार्टी को देश के सभी विधानसभाओं में एवं लोकसभा चुनाव में पार्टी की जमानत जप्त हुईl कई जगह नोटा से भी कम वोट मिले l
शैलेंद्र वर्णवाल( लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं )