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हनुमान जी दलित हो सकते हैं ब्राह्मण हो सकते हैं तो वैश्य क्यों नहीं – शैलेन्द्र बरनवाल

हनुमान जी दलित हो सकते हैं ब्राह्मण हो सकते हैं तो वैश्य क्यों नहीं( हर नर में नारायण है) ये कहना है भारत जागरूक नागरिक संगठन के शैलेन्द्र बरनवाल का I एन सी आर खबर को भेजी अपनी प्रेस रिलीज में शैलेन्द्र कहते है  राम रावण युद्ध में हनुमान जी संकट मोचक थे । हनुमान जी ने इस युद्ध में सारी व्यवस्थाएं कराई थी । लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी की व्यवस्था उन्होंने की । राम जी का संदेश लेकर वह लंका रावण के पास भी गए थे ।

वैश्य एक ऐसी समुदाय है जो हर संकट में खड़ा होता है, एवं तन मन धन से मदद करता है । वैश्य समुदाय हर जगह संकटमोचक बन कर खड़ा होता है । विदेशी आक्रमण हो या फिर दैविक आपदा हर जगह वैश्य समुदाय सहयोग करते हैं । शायद ही कोई धार्मिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक खेल आदि गतिविधियां हो जिसमें वैश्य समुदाय मदद ना करता हो । भीड़ जुटाने से लेकर खानपान सुरक्षा आदि सभी की व्यवस्था व समुदाय के लोग करते हैं । सारी समस्याओं का समाधान चुटकी में कर देते हैं । राम जन्मभूमि आंदोलन में वैश्य समुदाय ने सबसे ज्यादा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है । जाने गवाई है और हर तरह से सुविधा मुहैया कराई है । विश्व हिंदू परिषद एवं राम जन्मभूमि से जुड़े सभी संस्थाओं में वैश्य निर्भीक रूप से अपना सर्वस्व योगदान दे रहा है ।
निस्वार्थ भाव से सेवा भाव से सिर्फ वैश्य समाज ही हर मोर्चे पर आगे आता हैं ।

एन सी आर खबर ब्यूरो

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