राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीसरी शक्ति बनने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार हुई है। आप के ज्यादातर प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा सके। इन राज्यों में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी के वोट शेयर NOTA से कम है। छत्तीसगढ़ और एमपी में इसे मिले वोटों का प्रतिशत नोटा को मिले वोटों के आधे से भी कम है। राजस्थान, जहां पार्टी ने सभी 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, वहां नोटा को पड़े वोट पार्टी को मिले वोटों के तीन गुना से ज्यादा हैं।
आम आदमी पार्टी से नाराज पार्टी नेताओं ने अरविन्द केजरीवाल की रणनीति पर भी सवाल उठाये है I बता दें की पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने तीनो राज्यों में चुनाव तो लड़ा लेकिन कहीं भी प्रचार में कोई साथ नहीं दिया I हाल ये रहा है की कई राज्यों में तो प्रत्याशी चुनाव भी लढ़ रहे है ये तक लोगो को नहीं पता था I
लेकिन आज चुनाव परिणाम आने पर केजरीवाल अपनी पार्टी की बुरी हालात पर कुछ भी नहीं बोलते नजर आये लेकिन मोदी राज की उलटी गिनती ज़रूर बता दी I ऐसे में सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे है की अगर सीट जीतने के बाद मोदी राज की उलटी गिनती शुरू हुई है तो जमानत तक ना बचा पाने वाली पार्टी की कौन सी गिनती होगी ये केजरीवाल क्यूँ नहीं बता रहे है