न्यूयॉर्क । धरती पर करीब साढ़े छह करोड़ वर्ष पूर्व मौजूद रहे इस अद्भुत जीव के लुप्त होने के कारणों को जानने के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से शोध करते आ रहे हैं। यह कहा जाता रहा है कि एस्ट्रोइड यानी क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने के कारण ये धरती से लुप्त हो गए, लेकिन अब इस विषय में एक नई और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है।
वैज्ञानिकों ने एक नवीन अध्ययन के आधार पर बताया है कि यह विशालकाय जीव धरती से एस्ट्रोइड के टकराने से पहले ही मरने शुरू हो गए थे। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के बाद इनके लुप्त होने के विभिन्न कारणों पर प्रकाश डाला है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, विकासवाद के क्रम में देखा जाता है कि जानवर पौधों या उनके अन्य भोज्य पदार्थों को खाने पर यह जानने लगते हैं कि यह उनके शरीर के लिए कैसा है। यदि ये पौधे उनके शरीर पर नकारात्मक असर डालते हैं तो वे बीमार पड़ने लगते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे उस प्रजाति का शरीर या तो उस पौधे व भोज्य पदार्थ को खाने में सक्षम होता जाता है या अपने अंदर उसे पहचानने का गुण विकसित कर उससे दूर होने लगता है।
अल्बानी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर गोर्डोन गैलप के मुताबिक, चूहों का विलुप्त होना इसलिए असफल रहा क्योंकि कई दूसरी प्रजातियों की तरह चूहों ने भी विषाक्त पौधों के प्रति शारीरिक क्षमता विकसित कर ली थी। सरल शब्दों में कहें तो चूहों का शरीर कुछ विषाक्त पौधों को खा सकने में सक्षम होता गया। इस तरह ये धरती
से विलुप्त नहीं हुए।
इस तरह कुछ खाते हैं चूहे
यह अध्ययन आइडियाज इन ईकोलॉजी एंड एवोलूशन नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले गैलप के मुताबिक, जब चूहे किसी नई चीज को खाते हैं तो शुरुआत में वे उसे बहुत कम मात्रा में ही खाते हैं। यदि वे बीमार पड़ने लगते हैं तो उससे दूर रहने लगते हैं। धीरे-धीरे चूहे स्वाद और गंध के आधार पर खाने की पहचान कर सकने में सक्षम हो जाते हैं। इस तरह किसी भी चीज को खाने से पहले वे जान जाते हैं कि ये उनके शरीर के लिए घातक तो नहीं है।
यह निकाला निष्कर्ष
गैपल के मुताबिक, इस अध्ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि डायनासोर का धरती पर लुप्त होना पहले ही शुरू हो गया था, जबकि एस्ट्रोइड की टक्कर बहुत बाद में हुई थी। हां इसमें कोई दो राय नहीं कि उस टक्कर ने डायनासोर का समूल नाश करने का काम किया।