सैन फ्रांसिस्को। डेटा लीक होने से निशाने पर आई दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक भारतीयों समेत दुनिया के अन्य देशों के यूजर्स को योरपीय संघ (ईयू) जैसी सख्त डेटा सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी। फेसबुक के सह-संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह डेटा की प्राइवेसी (निजता) पर ईयू के नए सख्त कानून से सहमत तो हैं लेकिन इसे दुनियाभर में मानक के तौर पर अमल करने से हिचक रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विशेष प्रावधानों का हवाला दिया। कहा, फेसबुक डेटा की सुरक्षा के लिए कड़े उपायों पर काम कर रही है।
डेटा के दुरुपयोग के बाद उठी सुरक्षा की मांग
ब्रिटिश फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने करीब पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा एक एप के जरिए हासिल किए थे। इन आंक़़डों का कथित रूप से दुरपयोग किया गया था। इसके चलते निशाने पर आई फेसबुक से यूजर्स की निजी जानकारी की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय करने की मांग की जा रही है। जुकरबर्ग ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि फेसबुक डेटा सुरक्षा के लिए कड़े उपाय पर काम कर रही है।
इसे वैश्विक स्तर पर लागू किया जाएगा। इसमें योरपीय संघ की निजता की गारंटी देने वाले कुछ प्रावधान भी होंगे। हालांकि 33 वर्षीय अरबपति कारोबारी ने यह पूछे जाने पर भ्रम में डाल दिया कि ईयू के कानून का कितना हिस्सा दुनियाभर में अमल में लाया जाएगा। जुकरबर्ग के अनुसार, ‘हम इस पर विस्तार से गौर कर रहे हैं। मेरे ख्याल से यह दिशा देने वाला होना चाहिए।’ उनके इस बयान से यह साफ संकेत मिलता है कि ईयू यूजर्स की तरह अमेरिकी और भारतीय यूजर्स को निजी डेटा की कड़ी सुरक्षा नहीं मिलेगी।
क्या है योरपीय संघ कानून
योरपीय कानून को जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) के तौर पर जाना जाता है। इसे 25 मई से प्रभावी किया जाएगा। इंटरनेट की शुरआत के बाद ऑनलाइन प्राइवेसी के लिए यह सबसे प्रभावी कानून बताया जा रहा है। इसमें योरपीय यूजर्स को सोशल मीडिया के पास अपने डेटा संग्रह को जानने और इसे हटाने का अधिकार मिलेगा। जीडीपीआर का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है।
एप्पल भी ईयू की तर्ज पर देगा अधिकार
मोबाइल कंपनी एप्पल का कहना है कि वह अमेरिका और दुनिया के दूसरे देशों में लोगों को उसी तरह की सुरक्षा और अधिकार देने की योजना बना रही है जिस तरह योरपीय लोगों को मिलने जा रहा है।
अमेरिकी संसदीय समिति में 11 को पेश होंगे जुकरबर्ग
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग 11 अप्रैल को अमेरिकी संसद की ऊर्जा और वाणिज्य मामलों की समिति के समक्ष पेश होंगे। समिति के प्रमुख ग्रेग वाल्डेन ने कहा कि यह सुनवाई महत्वपूर्ण है। इससे उपभोक्ता डेटा की सुरक्षा और निगरानी संबंधी मामलों पर नई रोशनी प़़डेगी। यह पता भी लगाया जाएगा कि इस तरह के डेटा का किस तरह दुरपयोग हो सकता है या उसे अनुचित तरीके से दूसरों को दिया जा सकता है?
8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा ब्रिटिश कंपनी से किया साझा
सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का निजी डाटा गैरकानूनी तरीके से ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका से साझा किया गया है। कंपनी के मुताबिक यह आंकड़ा पहले बताए गए पांच करोड़ यूजर्स के डाटा से कहीं अधिक है। फेसबुक के चीफ टेक्नोलाजी अफसर माइक श्रोफर ने बुधवार को बताया कि इन यूजर्स में ज्यादातर अमेरिकी हैं।