जयपुर, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से फसलें खराब होने के चलते पिछले एक साल में किसानों द्वारा आत्महत्या किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए मांग कि राज्य की राजे सरकार को कृषि को उद्योग का दर्जा देना चाहिए।
पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश में राजस्थान को कृषि को उद्योग के बराबर दर्जा दिलाने की पहल करके प्रदेश के गरीब किसानों को कर में राहत और अन्य सहायता दिलाने में मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले वर्ष :2015: प्राकृतिक आपदाओं के चलते रबी और खरीफ की फसल के नुकसान के कारण लगभग 60 किसानों ने आत्महत्या कर ली। राज्य सरकार ने गिरदावरी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है लेकिन फिर भी किसानों को फसल खराब की किसी प्रकार की सहायता नहीं पहुंचाई गई है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष खरीफ और रबी की फसल के दौरान किसानों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पडता है जिसमें अत्यधिक वष्रा, ओलावृष्टि, और आग जैसी घटना शामिल हैं लेकिन राज्य सरकार की ओर से उन्हें किसी प्रकार का स्थायी समाधान या सहायता उपलब्ध नहीं करायी जाती। उन्हें देरी से मामूली सहायता या बीमा का लाभ दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाता है तो किसानों को आसान रिण, बीमा, विपणन, उधार और कर राहत की सुविधा मिल सकेगी। इससे किसान और कृषि क्षेत्र में और अधिक सुरक्षित हो सकेगें।
पायलट ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘दो साल पहले सत्ता में आने से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्वराज संकल्प यात्रा के दौरान बहुत से वायदे किये थे, लेकिन वास्तविकता में एक भी पूरा नहीं किया गया और ऐसा प्रतीत होता है कि राजे सरकार की इसमें कोई रूचि नहीं है, और न ही वे इसे पूरा करेंगी।’’