बांग्लादेशी अदालत ने जिया के खिलाफ देशद्रोह की जांच का आदेश दिया
ढाका, बांग्लादेश की एक अदालत ने 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीदों के बारे में कथित निंदाजनक टिप्पणियों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री एवं विपक्षी नेता खालिदा जिया के खिलाफ देशद्रोह का आरोप बन सकने के सवाल की जांच करने का आदेश दिया है।
अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को जरूरी सरकारी मंजूरी मिलने के बाद दंड संहिता की धारा 123 :ए: के तहत आरोप की जांच करने को कहा है।’’ उन्होंने बताया कि मुक्तिसंग्राम के शहीदों के बारे में जिया की अपमानजनक टिप्पणी को लेकर 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ संक्षिप्त सुनवाई के बाद यह आदेश आया है।
बांग्लादेश के निर्माण की निंदा और इसकी संप्रभुता के उन्मूलन की हिमायत करने के मामले में धारा 123 :ए: के तहत यह प्रावधान है कि कि इस मामले में सश्रम कैद की सजा हो सकती है जो 10 साल तक की हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
कानूनी विशेषज्ञों ने बताया कि देशद्रोह के आरोप में किसी के खिलाफ जांच या मुकदमे के लिए सरकार की इजाजत जरूरी है। गौरतलब है कि 21 दिसंबर की चर्चा के बारे में बोलते हुए जिया ने 1971 में हताहतों की संख्या के बारे में संदेह जताया था और टिप्पणी की थी कि बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान वास्तव में इस देश को स्वतंत्रता की ओर ले जाने की बजाय अविभाजित पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। ‘‘मुक्ति संग्राम में कितने लोग शहीद हुए इस बारे में विवाद है। विवादों पर कई पुस्तकें और दस्तावेज भी हैं।’’ जिया की बीएनपी कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी का अहम साझेदार है जिसने पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था।