गुजरात में ओबीसी कोटे के तहत पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के हिंसक हो जाने से 9 लोगों की जान चली गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांति बनाए रखने की अपील के बावजूद बुधवार को राज्य में जगह-जगह आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं जारी रहीं।
मंगलवार रात से भड़की हिंसा में 9 लोगों की मौत के अलावा एक एसपी सहित कई लोग घायल हुए है।
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित अहमदाबाद में बुधवार शाम को सेना ने फ्लैग मार्च किया, जबकि सूरत सहित मेहसाणा, राजकोट, जामनगर, पालनपुर, उंझा और पाटन में कर्फ्यू लगा दिया गया। स्थिति पर काबू पाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों और आरएएफ के 5000 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है। बंद के कारण पूरे राज्य में जनजीवन ठप गया।अहमदाबाद में मंगलवार को आरक्षण की मांग के समर्थन में आयोजित विशाल रैली के दौरान युवा नेता हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद हिंसा भड़क गई। जिलाधिकारी राजकुमार बेनीवाल ने बताया कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना की पांच कंपनियां बुलाई ली गई हैं।
शाम को सेना ने शहर के उन पांच मार्गों पर फ्लैग मार्च किया, जहां हिंसा की सबसे अधिक घटनाएं हुई हैं। सूरत और मेहसाणा में भी सेना की दो-दो कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में से 6 की मौत पुलिस और सीआरपीएफ की फायरिंग में जबकि दो अन्य लोग झड़पों में मारे गए।
इनमें से चार मौतें अहमदाबाद, तीन बनासकांठा जिले के गध गांव में और एक मेहसाणा में हुई हैं। बनासकांठा के पालनपुर कस्बे के पास दोपहर करीब एक बजे भीड़ ने गध पुलिस स्टेशन को जलाने की कोशिश की। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। अहमदाबाद में मंगलवार को आरक्षण की मांग के समर्थन में आयोजित विशाल रैली के दौरान युवा नेता हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद हिंसा भड़क गई। जिलाधिकारी राजकुमार बेनीवाल ने बताया कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना की पांच कंपनियां बुलाई ली गई हैं।
शाम को सेना ने शहर के उन पांच मार्गों पर फ्लैग मार्च किया, जहां हिंसा की सबसे अधिक घटनाएं हुई हैं। सूरत और मेहसाणा में भी सेना की दो-दो कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में से 6 की मौत पुलिस और सीआरपीएफ की फायरिंग में जबकि दो अन्य लोग झड़पों में मारे गए।
इनमें से चार मौतें अहमदाबाद, तीन बनासकांठा जिले के गध गांव में और एक मेहसाणा में हुई हैं। बनासकांठा के पालनपुर कस्बे के पास दोपहर करीब एक बजे भीड़ ने गध पुलिस स्टेशन को जलाने की कोशिश की। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। अहमदाबाद में पुलिस के प्रवक्ता एनडी त्रिवेदी ने बताया कि मंगलवार रात हिंसा में मारे गए तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद के वास्ट्रल इलाके में पुलिस फायरिंग में 47 वर्षीय गिरीश पटेल और उनके 20 वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ पटेल की मौत हो गई। घटलोडिया इलाके से एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया, जिसके सिर पर गंभीर चोट के निशान थे।
अधिकारी ने दावा कि एक पुलिसकर्मी की राइफल छीनने के दौरान चली गोली में बाप-बेटे की मौत हुई। उधर, सूरत के विभिन्न इलाकों में पटेल समुदाय द्वारा बंद करवाए जाने के दौरान आगजनी और पथराव हुआ। करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने शहर के उधना इलाके में सूरत नगर निगम के दो गोदामों को जला दिया।
बाइकों, बसों और अन्य वाहनों को भी जलाया गया। अशांति के बीच हीरा और कपड़ा उद्योग भी बंद रहा। पुलिस के मुताबिक राज्य में कम से कम आठ जगहों पर आंदोलनकारियों ने रेल पटरियां उखाड़ दी। सौराष्ट्र क्षेत्र के सभी प्रमुख शहरों राजकोट, जामनगर, भावनगर और पोरबंदर में बंद का व्यापक असर देखा गया। इन सभी शहरों से मामूली हिंसा की खबरें हैं।
पथराव में राजकोट के एसपी ग्रामीण गगनदीप गंभीर घायल हो गए। इस बीच मंगलवार रात घायल पुलिस उपनिरीक्षक मितेश सालुंके की हालत गंभीर बनी हुई है। बड़ौदा सहित मध्य गुजरात में बंद का मिला-जुला असर देखा गया।