नई दिल्ली। गजेंद्र की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में भी किसान गजेंद्र के आत्महत्या का मामला छाया रहा। इस मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गजेंद्र सिंह की मौत पर लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि किसानों की मौत देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में किसानों की जिंदगी से बड़ी अन्य कोई चीज नहीं हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आत्महत्या का मामला काफी पुराना और गंभीर है। इसका व्यापक फलक है। इस समस्या का व्यावहारिक समाधान सामुहिक रूप से निकालना होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के संबंध में पिछली कमियों पर गौर करना जरूरी है। हमें अपने किसानों को बचाना होगा।
गजेंद्र को आत्महत्या के लिए उकसाया गया
इसके पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में यह कहकर खलबली मचा दी कि गजेंद्र को उस रैली के दौरान आत्महत्या के लिए उकसाया गया था। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और पूरे देश की तरफ से गजेंद्र सिंह के परिवार से इस घटना को लेकर खेद प्रकट करता हूं। उन्होंने सभी दलों से अपील करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। किसानों के संबंध में अपनी सरकार की नीति बताते हुए उन्होंने कहा कि हम नहीं कहते कोई पार्टी किसान विरोधी है।
लोकसभा में गुरुवार को सत्र के शुरू होने के साथ ही किसान आत्महत्या का मामला गूंजता रहा। दोपहर बाद विपक्ष की मांग पर इस पर चर्चा भी शुरू हो गई। इससे पहले कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि किसान की खुदकुशी से सभी दुखी हैं। उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के स्थगन की मांग की। खड़गे ने गजेंद्र सिंह आत्महत्या मामले की न्यायिक जांच की मांग की। सरकार की ओर से संससदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने जवाब दिया। विपक्ष के मांग के बाद दोपहर 12 बजे से इस विषय पर संसद में चर्चा होगी और उसके बाद गृहमंत्री सदन में अपना बयान देंगे। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद है। उन्होंने कहा कि किसानों के विकास से ही देश का विकास निहित है। ऐसे में उन्होंने सलाह दी कि बजट में कटौती कर के उसका हिस्सा किसानों की बेहतरी में लगाया जाए। चर्चा के दौरान नायडू ने मसले का राजनीतिकरण न करने की अपील की। लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने भ्ाी इस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत को जायज बताया। महाजन ने कहा कि यह घटना दुखद है और हम सब लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ का हिस्सा होने के नाते इसके दोषी हो सकते हैं।
इससे पहले राज्यसभा सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस और जेडीयू समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से प्रश्नकाल के स्थगन का नोटिस दिया। विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि देश में किसानों की दुर्दशा पर चर्चा होनी चाहिए। जिस पर संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडु ने कहा कि किसानों का मुद्दा पहले से ही सरकार के संज्ञान में है।