श्रीनगर। बाढ़ से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने सेना की मदद मांगी है। मुफ्ती का कहना है कि उन्हें बाढ़ प्रभावित लोगों सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और उन तक जरूरी सामान भेजने के लिए सेना की मदद चाहिए। बाढ़ की स्थिति का आकलन करने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ-साथ अधिकारियों की उच्च स्तरीय टीम श्रीनगर पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने राज्य को सभी तरह की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। राज्य को जो भी समन्वय, सामग्री या वित्तीय सहायता के रूप में आवश्यक है, उसे तुरंत भेजा जाएगा। इधर गृह मंत्रालय भी राज्य सरकार के संपर्क में है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
वहीं, कश्मीर में हिमस्खलन में दस लोगों के जिंदा दफन होने की खबर आ रही है। बडगाम के लादेन गांव में एक मकान दह गया है। मूसलाधार बारिश के बाद कश्मीर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसके साथ झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और राज्य को बाढ़ ग्रस्त घोषित कर दिया गया है।
उधर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर बाढ़ पीडि़तों की मदद में देरी करने का आरोप लगाया है। जबकि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उम्मीद जताई है कि आज हालात में सुधार आ जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में बाढ़ की स्थिति का आकलन करने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ-साथ अधिकारियों की उच्च स्तरीय टीम भेज दी है। जम्मू-कश्मीर रवाना होने से पहले नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को सभी तरह की सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वह नुकसान का आकलन करेंगे कि केंद्र से किस तरह की सहायता की जरूरत है। इस तरह की स्थिति फिर पैदा नहीं हो यह सुनिश्चित करने के रास्तों पर भी वह चर्चा करेंगे।
साथ ही उन्होंने कहा, ‘बारिश और बाढ़ से लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हालात को लेकर चिंतित हैं। वह लोगों की मदद के लिए तैयार हैं और प्रतिबद्ध हैं। मैं जल्द से जल्द प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट भी सौंपने की कोशिश करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे क्षेत्रों का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आज स्थिति में सुधार आ जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बाढ़ में प्रभावित हुए ऐसे लोगों को मुआवजा देने की कोशिश कर रहे हैं, जिनका इंश्योरेंस नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि प्रशासन ने प्रदेश में बाढ़ घोषित कर दी है। कई इलाकों में झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हम पिछले साल आई बाढ़ से सीख लेने की कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ नियंत्रक टीम पूरी तरह से सर्तक है।
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम कश्मीर में बाढ़ के मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहते। हम सिर्फ इनता चाहते हैं कि सरकार बाढ़ की इस स्थिति से कैसे निपटेगी, वो योजना लेकर सामने आए। हालांकि उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ पीडि़तों की मदद में देरी करने के लिए मोदी सरकार पर जरूर निशाना साधा। इस बीच एनडीआरएफ की टीमों ने घाटी में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है।
झेलम नदी आज सुबह श्रीनगर और संगम क्षेत्र दक्षिण कश्मीर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। कश्मीर में शनिवार से ही झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने बर्फबारी की संभावना भी जताई है।
सोमवार सुबह एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज सुबह 6 बजे झेलम नदी का जल स्तर संगम (दक्षिण कश्मीर) और राम मुंशी बाग (श्रीनगर शहर) पर क्रमशः 22′.4 फीट और 18’.8 फीट को छू गया है। खतरा का निशान संगम पर स्तर 21 फीट है और राम मुंशी बाग में यह 18 फीट है।
बाढ़ के खतरे को देखते हुए झेलम नदी के किनारे बसे लोगों ने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर कूच करना शुरू कर दिया है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि हमने खासतौर से बच्चों और बूढ़ों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए तैनात सभी कर्मचारियों को तुरंत ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने को कहा गया है।
उधर, एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह का भी कहना है कि पिछले दो घंटे से बारिश नहीं हुई है। हमने अपनी टीमें एहतियाद के तौर पर राज्य में भेज दी हैं जो स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कुछ इलाकों में जल भराव की समस्या जरूर देखने को मिल रही है, लेकिन अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। इसलिए हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे डरे नहीं। हालांकि हम बाढ़ के लिए पूरी तरह से तैयार है।
बाढ़ की चपेट में आकर जम्मू-कश्मीर के बडगाम में लादेन गांव में एक मकान दह गया है, जिसके मलबे में 21 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। मलबे के नीचे से 16 लोगों को निकाल लिया गया है। बता दें कि जल स्तर 23 फीट के निशान को पार कर जाता है, तो राज्य को बड़े पैमाने पर बचाव कार्य शुरू करना होगा ओर झेलम नदी के आसपास के क्षेत्रों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना होगा।