जगमोहन डालमिया 10 साल बाद फिर बने BCCI के BOSS

जगमोहन डालमिया 10 साल के लंबे इंतजार के बाद बीसीसीआई के नए अध्यक्ष चुन ‌लिए गए है। जबकि हिमाचल के अनुराग ठाकुर बोर्ड के नए सचिव होंगे।

खराब स्वास्‍थ्य के बावजूद 74 साल के डालमिया बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालेंगे। इससे पहले भी वह बीसीसीआई में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियां निभा चुके है। दरअसल, डालमिया बीसीसीआई से निलंबित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन कैंप की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे। उनके नामांकन से पहले अध्यक्ष पद पर शरद पवार का नाम लगभग पक्का माना जा रहा था।

लेकिन अचानक श्रीनिवासन कैंप की ओर से बढ़ी हलचल के बाद डालमिया का नाम अध्यक्ष पद के नाम‌ंकित किया गया। इसके बाद ईस्ट जोन की लगभग छह इकाइयों के समर्थन के बाद डालमिया की दावेदारी एकतरफा हो गई। वह निर्विरोध बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए।

जानकारों की माने तो बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए डालमिया ने ही अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था। डालमिया ने अपना क्रिकेट करियर विकेटकीपर के रूप में शुरू किया और मशहूर क्रिकेट प्रशासक बने। वर्तमान में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष डालमिया जल्दी ही बीसीआई अध्यक्ष पद को संभालेंगे।

वहीं हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर बोर्ड के सचिव पद का चुनाव जीत गए हैं। हालां‌कि पहले सचिव पद में भी श्रीनिवासन कैंप के संजय पटेल का नाम आगे चल रहा था। अनुराग ने संजय को 15-14 से चुनाव में हराया। इससे पहले बोर्ड संयुक्त सचिव थे।

झारखंड कैडर के पूर्व आईपीएस अमिताभ चौधरी बीसीसीआई के संयुक्त सचिच चुन लिए गए हैं।

बीसीसीआई के उपाध्यक्ष के रूप में सीके खन्ना (उत्तर) और टीसी मैथ्यू (पश्चिम) चुने गए हैं। ये दोनों ही श्रीनिवासन गुट से 5 उपाध्यक्ष पदों के लिए नामित लोगों में शामिल हैं।

बीते 8 फरवरी को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीनिवासन को पद से हटाते हुए तुरंत चुनाव कराने के आदेश दिए थे।

सिर्फ मतदान कर पाएंगे श्रीनि
एन श्रीनिवासन सोमवार को चुनाव प्रक्रिया के दौरान केवल मतदान कर पाएंगे। श्रीनिवासन के उच्चतम न्यायालय में कानूनी जंग में व्यस्त होने के कारण एजीएम पिछले कुछ समय से टाली जा रही थी। उच्चतम न्यायालय अभी आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की सुनवाई कर रहा है। अदालत ने श्रीनिवासन की बीसीसीआई अध्यक्ष और आईपीएल टीम मालिक के तौर पर हितों के टकराव की कड़ी आलोचना की थी।