ऐतिहासिक जीत के साथ SA पहुंचा सेमीफाइनल में
वर्ल्ड कप के पहले क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला श्रीलंका के लिए सुखद नहीं रहा और उसके बल्लेबाज फिरकी गेंदबाजों के आगे उलझकर रह गए। नतीजन टीम 37.2 ओवरों में 133 रन पर ढ़ेर हो गई। जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने आसान लक्ष्य को 9 विकेट से 192 गेंद रहते ही जीत लिया।
इस जीत के साथ ही दक्षिण अफ्रीका सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है। अब उसका मुकाबला सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के विजेता के साथ होगा।
श्रीलंका के 133 रनों के आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका टीम ने अच्छी शुरुआत देने की कोशिश की। 6 के स्ट्राइक रेट से दोनों सलामी बल्लेबाजों हाशिम अमला और क्विंटन डी कॉक ने बल्लेबाजी की। लेकिन मैच के 7वें ओवर में लसित मलिंगा ने अमला (16) को बाउंड्री पर कैच आउट कराकर अपनी टीम को पहली सफलता दिलाई।
अमला के आउट होने के बाद कॉक के साथ डु प्लासिस ने पारी को आगे बढ़ाया। आसान लक्ष्य होने के चलते दोनों दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने आक्रामक खेल दिखाया। दोनों मैदान के चारो ओर शॉट लगाए।
श्रीलंकाई टीम के खास हथियार उनके फिरकी गेंदबाज थारिंदू कौशल को उतारा। वनडे में अपना डेब्यू कर रहे कौशल को मैच में एक भी सफलता नहीं मिली। हालांकि कौशल की गेंदबाजों पर दोनों बल्लेबाजों को मुश्किलें जरूर आई लेकिन कौशल अपनी टीम को जीत दिलाने में असफल रहे। इस बीच कॉक ने अपने पचास रन पूरे किए। क्रीज पर आखिर तक प्लेसिस (21) और कॉक (78) नॉटआउट रहे।
इससे पहले बल्लेबाजी करने का फैसला श्रीलंका को रास नहीं आया और लगातार झटकों का सामना करता रहा। बारिश के बाद खेल शुरू होने के थोड़ी देर बाद श्रीलंका की पूरी टीम 37.2 ओवर में 133 रन बनाकर आउट हो गई। पार्ट टाइम गेंदबाज जेपी डुमिनी ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए शानदार हैट्रिक भी बनाई। डुमिनी के अलावा इमरान ताहिर ने 4 विकेट झटके।
वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेने वाले कुमार संगकारा 96 गेंदों में 45 रन बनाकर नौंवें विकेट के रूप में आउट हुए।
श्रीलंकी ने टूर्नामेंट के पहले नॉकआउट दौर के मुकाबले में रंगना हेराथ चोटिल होने के कारण टीम में शामिल नहीं किया हैं। उनकी जगह थारिंदू कौशल को अंतिम एकादश में शामिल किया गया है। कौशल के करियर का यह पहला अंतरराष्ट्रीय मैच है। नॉकआउट दौर में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले कौशल 1979 के बाद से दूसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने नॉकआउट दौर में अपना पहला वनडे मैच खेला। 1979 में सेमीफाइनल मैच में इंग्लैंड की ओर से वाएने लारकिंस ने अपने करियर का आगाज किया था।वर्ल्ड कप नॉकआउट दौर का बिगुल बज चुका है। पहली भिड़ंत ‘चोकर्स’ कहे जाने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम और पिछली बार की उपविजेता श्रीलंका के बीच है। दोनों ही टीमों में जीत की बड़ी चाह यूं ही नहीं है। अक्सर बड़े मुकाबले के दबाव में या दुर्भाग्य का शिकार होने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम कभी नॉकआउट दौर में नहीं जीत पाई है।
उधर, श्रीलंका अपने सदाबहार कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के लिए हर हाल में जीत दर्ज करना चाहेगी जोकि अपना अंतिम विश्व कप खेल रहे हैं। लिहाजा दोनों टीमें जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं रखेंगी, ऐसे में मुकाबले के धारदार होने की पक्की गारंटी है।
नॉकआउट दौर के धारदार मुकाबले में एबी डीविलियर्स की टीम ‘चोकर्स’ के दाग को मिटाने को बेताब है। टीम का दारोमदार बल्लेबाजी में कप्तान डीविलियर्स पर है जो जबरदस्त फॉर्म में हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ तो उन्होंने सिडनी के इसी मैदान पर 162 नाबाद रनों की पारी खेली है। इसके अलावा भरोसेमंद हाशिम अमला भी हैं। गेंदबाजी में रफ्तार के सौदागर डेल स्टेन, एबॉट और मोर्ने मोर्केल की तिकड़ी है। उधर श्रीलंका का नॉकआउट दौर में बेहतरीन रिकॉर्ड है। वर्ल्ड टी 20 चैंपियन पिछली दो बार से विश्व कप उपविजेता है। 1996 में तो खैर खिताब जीत ही चुकी है। टीम फख्र से कह सकती है कि हमारे पास कुमार संगकारा है। एंजेलो मैथ्यूज की टीम के पास तिलकरत्ने दिलशान जैसा ओपनर है, जो अब तक दो शतक लगा चुके हैं। अनुभवी महेला जयवर्धने हैं।सिडनी में टूर्नामेंट के पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला श्रीलंका के लिए सुखद नहीं रहा और दूसरे ओवर से ही टीम को झटके लगने की शुरुआत हो गई। कुशल परेरा (3) और दिलशान तिलकरत्ने पारी की शुरुआत करने उतरे लेकिन पारी की 10वीं गेंद पर परेरा तेज गेंदबाज कायली एबॉट के ओवर में कैच आउट हो गए।
शुरुआती झटके के बाद श्रीलंकाई टीम की रन बनाने की गति बेहद धीमी हो गई और 5 ओवर में महज 6 रन ही बना सकी। इसी बीच पारी के पांचवें ओवर में दिलशान डेल स्टेन के शिकार बन गए। वह खाता भी नहीं खोल सके।
महज 5 ओवर के अंदर दोनों ओपनरों को गंवाने के बाद श्रीलंका बैकफुट पर चली गई और जिससे बेहद धीमे अंदाज में स्कोर आगे बढ़ा। लाहिरू थिरिमने और कुमार संगकारा ने 15वें ओवर में टीम को 50 के पार पहुंचाया जो टूर्नामेंट में यह श्रीलंका की ओर से अब तक की सबसे धीमी शुरुआत भी रही।। दोनों के बीच अभी 65 रनों की साझेदारी हुई थी कि थिरिमने 20वें ओवर में इमरान ताहिर की गेंद पर कॉटएंडबोल्ड हो गए। उन्होंने 41 रन बनाए।
टूर्नामेंट में 4 शतक लगाने वाले कुमार संगकारा क्रीज पर टिके जरूर रहे लेकिन उनकी बल्लेबाजी बहुत धीमी रही। हालांकि दूसरे छोर पर विकेटों के गिरने का सिलसिला चलता रहा। महेला जयवर्धने (4), कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (19) और थिषारा परेरा समेत निचला क्रम टीम को उपयोगी योगदान नहीं दे सके। इस बीच पार्ट टाइम गेंदबाज जेपी डुमिनी ने अपने 2 ओवर में लगामार 3 विकेट झटककर हैट्रिक बनाई। उनकी यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली हैट्रिक है।
मोर्ने मोर्कल ने 37वें ओवर की दूसरी गेंद पर संगकारा का बड़ा विकेट झटका। वह 96 गेंदों में 45 रन बनाकर आउट हुए। उनके आउट होते ही बारिश शुरू हो गई और खेल कुछ देर रूक गया।