सिडनी। सिडनी में बृहस्पतिवार को होने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय दर्शकों के संख्या के मामले में स्थानीय दर्शकों को पीछे छोड़ देने की उम्मीद है। यह बात ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को परेशान कर रही है। क्लार्क सिडनी में उमडऩे वाले भारतीय दर्शकों की संख्या से इस कदर चिंतित हैं कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई लोगों से कंगारू टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में मैदान में आने की अपील की है।
क्लार्क और डेविड वार्नर ने ट्वीट करके कहा, ‘मैं सभी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रेमियों से बृहस्पतिवार को एससीजी को गोल्ड कलर (ऑस्ट्रेलियाई टीम की जर्सी का रंग) में रंग देने की अपील करता हूं। हमें आपके समर्थन की जरूरत है।’
आयोजकों का मानना है कि 42 हजार की क्षमता वाले सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की अब तक बिकी टिकटों में से 70 फीसद टिकटें भारतीय फैंस ने खरीदी हैं। जिससे इस बात की संभावना प्रबल हो गई है कि सिडनी में कोलकाता के ईडन गार्डेंस जैसा माहौल पैदा हो जाए। अगर अतीत की तरह सेमीफाइनल में भी एससीजी पर स्पिनरों को मदद मिली तो सह-मेजबान ऑस्ट्रेलिया को ऐसा लग सकता है कि वह अपने ही घर में मुकाबले से बाहर हो गए हैं।
यहां इस बात का जिक्र जरूर बनता है कि यह वही मैदान है, जहां 2008 में टेस्ट मैच के दौरान ‘मंकीगेट प्रकरण’ हुआ था, जिससे एक समय दोनों देश के बोर्ड के बीच दरार पैदा हो गई थी। यह वाकया लोग अभी भी भूले नहीं हैं और मैच के दौरान इसकी याद माहौल को और गर्म करेगी।
‘मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि क्लार्क प्रशंसकों को लेकर चिंतित क्यों हैं। बल्लेबाज को दर्शकों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उसे गेंदबाज को समझना चाहिए। एक बल्लेबाज को दर्शकों को अपने दिमाग में नहीं बिठाना चाहिए। यह मेरी समझ से परे है कि क्लार्क दर्शकों की संख्या को लेकर क्यों चिंतित है, क्योंकि इससे कोई अंतर नहीं पडऩे वाला।’ -इयान चैपल, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान