जनता के दरबार में युवक ने मुख्यमंत्री मांझी पर फेंका जूता
पटना। एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास की चौक-चौबंद व्यवस्था को धता बताकर सोमवार को जनता के दरबार में अमृतेश ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर जूता फेंका और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सुरक्षाकर्मी उसे दबोच कर जनता दरबार से बाहर ले गए। उसे हिरासत में लेकर सचिवालय थाने में पूछताछ की जा रही है। छपरा निवासी अमृतेश स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष का छात्र है। उसके पिता उमेश्वर सिंह उर्फ मुन्नी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता हैं।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री लोगों से शिकायतें सुन रहे थे। कई फरियादी मुख्यमंत्री के सामने कतार में लगे थे कि अचानक एक युवक कतार से थोड़ा हटकर पैर से हल्का जूता निकालकर मुख्यमंत्री की तरफ उछाल दिया। एक सुरक्षाकर्मी ने जूता पकडऩे की कोशिश की, तब तक जूता मुख्यमंत्री की बाईं ओर जा गिरा। सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझ नहीं आया।
पुलिस की गिरफ्तार में आने के बाद भी युवक राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी करता रहा। राज्य सरकार पर उसने जाति की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार युवाओं को आतंकी बनाने का प्रयास कर रही है। मुझ पर झूठा मुकदमा किया। पुलिस कुछ नहीं कर रही है। जनता दरबार में चार-चार बार आने के बाद भी न्याय नहीं मिला। पुलिस को युवक पर काबू पाने में मशक्कत करनी पड़ी। एसएसपी जितेंद्र राणा का कहना है कि अमृतेश फर्जी आवेदन के जरिए जनता के दरबार कार्यक्रम में पहुंच गया था। जूता फेंकने के प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। उसे शायद सिपाही भर्ती को लेकर कुछ शिकायत थी। अपना ध्यान आकृष्ट कराने के लिए उसने हंगामा किया।
मुख्यमंत्री ने बताया-
मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बताया कि युवक मेरे पास पहुंचा नहीं था। इसलिए उसकी शिकायत के बारे में कुछ नहीं कह सकता। मैं सबकी बात निश्चित सुनता हूं। जाति की नहीं, बल्कि गरीबों की बात करता हूं। युवक की बात नहीं सका। मैंने जूता नहीं देखा, लेकिन मेरी बाईं बांयी ओर कुछ गिरने का एहसास जरूर हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उसके बाद ही युवक के उद्देश्य के संबंध में पता चलेगा।
अमृतोष आरजे कॉलेज का है छात्र
सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर जूता फेंकने वाला अमृतोष छपरा के रामजयपाल कॉलेज में पीजी का छात्र है। अमृतोष आम आदमी पार्टी के छात्र इकाई से भी जुड़ा है। वह आप के जयप्रकाश विश्वविद्यालय इकाई का उपाध्यक्ष भी रह चुका है। सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के मान पुरसौली गांव निवासी उमेश्वर सिंह उर्फ मुनिजी के पुत्र अमृतोष कुमार जिले के कई आंदोलनों से भी जुड़ा रहा है। उसके पिता उमेश्वर सिंह उर्फ मुनिजी जेपी आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। जेपी आंदोलन में मुनिजी कई बार जेल भी जा चुके हैं। मुनिजी सारण जिले में जनविकास सेवा समिति नामक एक सामाजिक संस्था चलाते हैं। इसके वे सचिव हैं। अन्ना के आंदोलन में मुनिजी करीब दस दिनों तक आमरण- अनशन पर थे। उनके पुत्र अमृतोष भी उनकी संस्था जनविकास सेवा समिति से जुड़ा रहा है। मुनिजी भारतीय जनता पार्टी, विहिप जैसे संगठनों से भी जुड़े थे, लेकिन केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बनने के बाद से सारण जिले में उसका कामकाज देख रहे हैं। मुनिजी बनियापुर विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। मुनिजी पर धरना-प्रदर्शन, सड़क जाम, प्रखंड मुख्यालय में तालाबंदी को लेकर जिले के कई थानों में प्राथमिकी भी दर्ज है। अमृतोष भी मुनिजी के साथ जनविकास सेवा समिति के बैनर तले हुए विभिन्न आंदोलनों में सहभागी रह चुका है। पिछले दिनों अमृतोष पर इसुआपुर थाने में दलित उत्पीडऩ का मामला भी दर्ज किया गया है। जिसका वह हमेशा विरोध करता रहा है। इसको लेकर वह पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए कई बार सारण पुलिस से लेकर डीजीपी तक को आवेदन भेज चुका है।
वह जयप्रकाश विश्वविद्यालय में वित्तीय एवं शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ भी कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुका है। वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के समर्थन में वहां करीब एक महीने तक रहकर चुनाव प्रचार भी कर चुका है। लेकिन केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उनका विरोध भी छपरा में किया था। वह फिलहाल कुछ दिनों से कोलकाता में नौकरी भी कर रहा था। हाल ही में नौकरी छोड़कर छपरा आया था। सारण में अमृतोष के सीएम पर जूता फेंकने की खबर आने पर लोग आश्चर्यचकित भी हैं। उनका कहना है कि वह अक्सर गलत का विरोध करता आया है, लेकिन क्या परिस्थिति बनी कि वह सीएम पर ही जूता फेंक दिया। इस घटना के बाद उसके परिवार वाले भी स्तब्ध हैं। आम आदमी पार्टी के जिला प्रवक्ता प्रमोद कुमार सिंह टुन्ना का इस संबंध में कहना है कि यह सब कुछ नहीं है। यह सिर्फ आम आदमी की व्यवस्था के प्रति असंतोष का प्रकटीकरण है।