पटना के गांधी मैदान में भगदड़, 40 की मौत

बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार को रावण दहन के बाद मची भगदड़ में करीब 40 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इन्हें पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भगदड़ बिजली का तार गिरने की फैली अफवाह के चलते मची।

प्रदेश के गृह सचिव अमीर सुबहानी ने 32 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। भगदड़ से कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी वहां से निकले थे।

प्रदेश सरकार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया। साथ ही मृतकों के परिजनों को 3-3 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर हादसे की जानकारी ली।

उन्होंने पीएम राहत कोष से मृतकों के परिवार को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने हादसे की रिपोर्ट प्रदेश सरकार से तलब की है।

गांधी मैदान में हर साल की भांति इस बार भी विजयादशमी पर्व पर रावण दहन का आयोजन किया गया था। मैदान में पांच लाख लोग मौजूद थे।

रावण दहन के बाद जैसे ही लोग गांधी मैदान से बाहर निकलने लगे, तभी बिजली का तार गिरने की अफवाह के चलते रामगुलाम चौराहा स्थित एग्जीबिशन रोड पर भगदड़ मच गई।

पुलिस के हरकत में आने से पहले ही स्थिति बेकाबू हो चुकी थी। देखते ही देखते लोग एक दूसरे पर गिरते चले गए। भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। घायलों को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

भीड़ और हंगामे के कारण मृतकों की पहचान करने में दिक्कत हो रही है। लोग अपनों की तलाश में इधर उधर भटकते दिखे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पूरे अस्पताल परिसर को छावनी में बदल दिया गया है। गुस्साए लोगों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हादसे पर दुख जताया और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

लालू यादव ने इस भगदड़ को भारी प्रशासनिक चूक का नतीजा बताया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

केंद्रीय मंत्रियों का बिहार सरकार पर हमला
पटना में रावण दहन के बाद भगदड़ में इतने लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्रियों ने बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार पूर्व के हादसों से सबक लेते हुए ऐहतियाती कदम उठाने में पूरी तरह असफल रही है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राम विलास पासवान ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद के साथ ही शर्मनाक बताया है। दोनों नेताओं ने कहा कि गांधी मैदान में हर साल दशहरा मनाया जाता है। इसके बावजूद यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में हुए हादसों से अब तक कुछ नहीं सिखा है। गौरतलब है कि पिछले साल अक्तूबर में गांधी मैदान में ही नरेंद्र मोदी की रैली में बम धमाके हुए थे, जबकि छठ पूजा के दौरान हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी। दोनों नेताओं ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि वे शनिवार को पटना पहुंचेंगे और हालात का जायजा लेंगे।

एनडीआरएफ की टीम रवाना
केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भगदड़ की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम पटना रवाना कर दी गई। यह टीम राहत व बचाव कार्य में राज्य प्रशासन की मदद करेगी।

प्रसाद ने बताया कि उन्होंने हादसे के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।

हेल्पलाइन नंबर जारी
बिहार सरकार ने अपने लोगों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2219810 जारी किया है।

दो साल पहले भी भगदड़
दो साल पहले भी छठ के दौरान पटना में भगदड़ मची थी जिसमें 18 लोगों की जान गई थी।