न्यूयार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका की 11 बड़ी कंपनियों के शीर्ष सीईओ के साथ मुलाकात में कहा कि वह कोल ब्लॉक आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आगे बढ़ने के अवसर में बदलना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने देश के विकास और प्रगति की गाथा में हिस्सेदार बनने के लिए इन कंपनियों को निवेश का आमंत्रण दिया।
एक घंटे से अधिक चली बैठक में पीएम ने मेक इन इंडिया की चर्चा कर इन कंपनियों से भारत के लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने और अधिक से अधिक जॉब पैदा करने में मदद की अपील की। साथ ही उन्होंने उन उपायों पर भी चर्चा की जो भारत में कारोबारी माहौल को सुधारने में मददगार हो सकते हैं।
इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी सीईओ की चिंताओं को सुना और कहा कि उनकी सरकार इन मसलों को सुलझाएगी तथा देश में और अधिक बिजनेस फ्रेंडली माहौल तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।
पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूयी और सिटी समूह के सीईओ कॉर्बट ने मुलाकात को बहुत अच्छी करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी चिंताओं को सुना और कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता भारत की विकास गाथा को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।
प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूद सीईओ से कहा कि हम अतीत को भूलकर कोल ब्लॉक आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आगे बढ़ने के अवसर के तौर पर बदलना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते 1993 से 2010 के बीच आवंटित 218 कोल ब्लॉक में से 214 के आवंटन को रद्द कर दिया था। मोदी का यह बयान बिजनेस नेताओं के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर व्याप्त चिंताओं के संदर्भ में आया।
प्रधानमंत्री के हवाले से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने ट्विटर पर जारी संदेश में कहा कि भारत खुले विचारों वाला देश है। हम बदलाव चाहते हैं। यह बदलाव एकतरफा नहीं होता। मैं नागरिकों, उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ इस पर चर्चा कर रहा हूं। बैठक में हाल में शुरू किए गए मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर भी बात हुई। पीएम ने सीईओ से कहा कि ढांचागत विकास एक बड़ा अवसर है, इससे रोजगार सृजन होता है और हमारे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार होता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी कंपनियों की पहले से ही भारत में मौजूदगी है और माना जाता है कि इन कंपनियों के शीर्ष सीईओ ने भारत सरकार के साथ अपने कामों को और बढ़ाने और देश में कारोबारी उपस्थिति बढ़ाने की इच्छा जताई है। मुलाकात के बाद बंगा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पर्यटन, स्किल डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा जोर दिया।
पीएम ने सीईओ को भेंट की प्रसिद्ध भारतीय चाय
पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की शीर्ष 11 कंपनियों के सीईओ को मुलाकात के दौरान भारत की 3 प्रसिद्ध ब्रांड की चाय भेंट की। ये ब्रांड हैं, दार्जिलिंग, असम और नीलगिरी।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्हाइट हाउस में डिनर पर मुलाकात करेंगे तो खाने की मेज पर केवल शाकाहारी व्यंजन और गैर अल्कोहल पेय पदार्थ ही दिखेंगे। हालांकि मोदी नवरात्र के उपवास के चलते केवल नींबू पानी लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय पक्ष ने प्रधानमंत्री की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए डिनर में केवल शाकाहारी व्यंजन रखने की इच्छा प्रकट की थी। अमेरिकी सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इस अनुरोध को मान लिया गया है। पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस ने कहा था कि वह दौरे पर आए मेहमान के व्रत का पूरा ख्याल रखेंगे। ओबामा और मोदी की पहली औपचारिक मुलाकात मंगलवार को होनी है।
इन कंपनियों के शीर्ष सीईओ हुए शामिल
नाश्ते पर मोदी से मिलने वाले बिजनेस नेताओं में गूगल के कार्यकारी अध्यक्ष एरिक ई. स्मिट, कार्लाइल ग्रुप के सह संस्थापक डेविड एम. रुबेनस्टीन, कार्गिल के अध्यक्ष व सीईओ डेविड डब्ल्यू मैकलेनन, मेरेक एंड कंपनी के सीईओ केनेथ सी फ्रेजियर, वारबर्ग पिनकस के चार्ल्स काए, होस्पिरा के चेयरमैन जॉन सी स्टेनली, सिटी समूह के सीईओ माइकल एल कोर्बट, कैटरपीलर के चेयरमैन एंड सीईओ डगलस ओबरहेल्मन, एईएस के एंड्रेस ग्लुस्की, मास्टरकार्ड के अध्यक्ष व सीईओ अजय बांगा और पेप्सिको की चेयरमैन व सीईओ इंदिरा नूयी शामिल हैं। मोदी ने बोइंग, केकेआर, ब्लैकरॉक, आईबीएम, जनरल इलेक्ट्रिक और गोल्डमन सैक्स के अधिकारियों से अलग से भी मुलाकात की।