पीएम मोदी ने यूएन में दिया पाक को करारा जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार आप सबको संबोधित करने मुझे गर्व हो रहा है। मुझे पूरा ध्यान है कि पूरे विश्‍व को भारत के 1.25 अरब लोगों से क्या अपेक्षाएं हैं।

मोदी ने कहा कि भारत की अवधारणा पूरे विश्‍व के लिए वसुधैव कुटंबकम् की रही है। भारत आर्थिक और सामजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। पिछले 60 सालों में हमने बहुत से कार्य किए है।

उन्होंने कहा कि शांति बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए। शांति कायम हुई और गरीबी के खिलाफ लड़ाई की गई। नेपाल शांति की और आगे बढ़ा है। भूटान में एक नई ताकत नजर आ रही है। पश्चिम एशिया में नई लोकतंत्र को स्‍थापित करने के लिए लगातार कार्य ‌किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को यूएन में करारा जवाब दिया है। पाकिस्तान के कश्मीर मुद्दे पर राग को लेकर मोदी ने साफ कर दिया ‌है कि यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाने से यह मसला हल होगा, इसमें शक है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा कि हम पाकिस्तान से मित्रता चाहते हैं। भारत-पाकिस्तान को कश्मीर के हल के लिए द्घिपक्षीय वार्ता के जरिए संवाद करना होगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ अब कई जी देश बन गए है। दुर्भाग्यपूर्ण उनमे से कई जी देशों का सदस्य भारत भी है। पर अब यूएन को जी देशों की संकल्पना से आगे बढ़ना होगा। और यूएन में भी लोकतंत्र स्‍थापित करना होगा।

उन्होंने कहा कि पूरा विश्‍व आतंकवाद से जूझ रहा है। आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्‍व को एक साथ मिलकर काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तेजी से फेसबुक-ट्विटर पर संचार किया जाता है। उतनी ही तेजी से हमें विश्‍व में सुधार के लिए भी काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि पूरे विश्‍व में आपसी टकराव बढ़ा है। एक समय में जो समुद्र हमें जोड़ता था वहीं समुद्र आज वापसी टकराव की वजह बन गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में अपनी बात रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के तीसरे प्रधानमंत्री हैं। भाषण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून से ‌मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस अंतर्राष्ट्रीय मंच से देश के हित में कई प्रमुख मुद्दों को उठाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधारों की बात लंबे समय से चल रही है। अगले वर्ष हम 70 वर्ष के हो जाएंगे, अगला साल यूएन के लिए एक अवसर है। आइए हम एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत करें। भारत अपनी तकनीक औऱ क्षमता को साझा करने के लिए तैयार है।

उन्होंन कहा कि हमें वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। हम धारणीय विकास की अवधारणा के आधार पर काम करेंगे। प्रत्येक सरकार को वैश्विक शांति के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। हमें मिल-जुल कर काम करते हुए यह सुनिश्चित करना है सभी देश अंतरराष्ट्रीय नियमों-मानदंडों का पालन करें।

पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव पारित होना चाहिए। हमें सभी मतभेदों को दर किनार कर आतंकवाद से लड़ने के लिए सम्मिलित प्रयास करना चाहिए। चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार लाना अनिवार्य है।

पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव पारित होना चाहिए। हमें सभी मतभेदों को दर किनार कर आतंकवाद से लड़ने के लिए सम्मिलित प्रयास करना चाहिए।

चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार लाना अनिवार्य है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आइए हम अपने समय की मांग के अनुरूप अपने को ढ़ालें। कोई भी एक देश या कुछ देशों का समूह भविष्य तय नहीं कर सकता।

हम जी ऑल बनाना चाहते हैं, ग्रुप ऑफ ऑल से ही काम होगा। आतंकवाद का सवाल गंभीर है और कई देश आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं। आतंकवाद के खतरे से छोटा या बड़ा, कोई भी देश मुक्त नहीं है।