मिथ : हमें बहुत आसानी से भोजन से विटामिन मिल जाते हैं।
तथ्य : अगर आप अत्यधिक पोषक भोजन खाते हैं, जिसमें फल, सब्ज्यिां, दूध व दुग्ध उत्पाद और मांस सब कुछ होता है, तभी आपको सभी विटामिन पर्याप्त मात्रा में मिल पाते हैं। अधिकतर लोगों को उनके भोजन से पर्याप्त विटामिन नहीं मिल पाते हैं, इसलिए अगर आपको स्वास्थ्य समस्याएं हों तो डॉक्टर की सलाह लेकर सप्लीमेंट्स लें।
मिथ : सप्लीमेंट्स विटामिन्स प्राप्त करने का अच्छा और सबसे आसान तरीका है।
तथ्य : चिकित्सा जगत में यह बात प्रचलित है कि विटामिनों को अपने भोजन से प्राप्त करें, गोलियों से नहीं। गोलियों से मिलने वाला विटामिन पोषक भोजन जितने अच्छे नहीं होते, क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से मिलने वाले विटामिनों से अलग रूप में होते हैं।
मिथ : विटामिनों के सप्लीमेंट्स को अक्सर खाली पेट लेना चाहिए।
तथ्य : आप विटामिनों को किस समय पर और कितनी मात्रा में ले रहे हैं, इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करें। विटामिनों से आपको पेट दर्द हो सकता है, कुछ विटामिनों को खाली पेट खाने से चक्कर भी आ सकते हैं।
कई विटामिनों के सप्लीमेंट्स भोजन के साथ लेने से बेहतर प्रकार से अवशोषित हो जाते हैं। कई बार विटामिन दूसरी दवाओं के लिए प्रतिक्रिया देते हैं, जैसे विटामिन ‘के’ रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर लेता है। कैल्शियम के सप्लीमेंट्स आयरन और जिंक जैसे लवणों के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकता है, जब यह एक साथ आहारनाल में होते हैं।
मिथ : आप जितनी अधिक मात्रा में विटामिन खाएंगे, उतने अधिक स्वस्थ रहेंगे।
तथ्य : विटामिन हमारे स्वास्थ्य और शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारु रूप से चलाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। अगर अत्यधिक मात्रा में विटामिन ए का सेवन कर लिया जाए तो नुकसानदेह होता है। भोजन में इतनी अधिक मात्रा में विटामिन ए नहीं होता कि वह शरीर के लिए घातक हो जाए। इसे सप्लीमेंट के रूप में कतई न लें। अधिक मात्रा में विटामिन ए का सेवन विटामिन के के अवशोषण को भी प्रभावित करता है। विटामिन बी6 के अधिक मात्रा में सेवन से तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ियां हो जाती हैं। विटामिन ई युक्त भोजन खाना खतरनाक या नुकसानदेह नहीं है। हालांकि सप्लीमेंट के रूप में विटामिन ई की अधिक खुराक लेना नुकसानदेह हो सकता है। इसकी अधिकता से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है और मस्तिष्क में गंभीर ब्लीडिंग हो सकती है। गर्भवती महिला के शरीर में विटामिन ई की अधिक मात्रा से बच्चे में बर्थ डिफेक्ट भी हो सकते हैं।