मोदी पर फिदायीन हमले की योजना थी

पटना के गांधी मैदान में हुए धमाकों की जांच कर रही नैशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले की चार्जशीट तैयार कर ली है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि पटना में हुआ आतंकी धमाका 2002 के गुजरात दंगों का बदला लिए जाने की कार्रवाई थी और आतंकवादियों ने तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए हथियार से लेकर फिदायीन हमले तक की योजना बनाई थी।

पटना की एक अदालत में 36 पृष्ठों की चार्जशीट जमा करते हुए एनआईए ने कहा कि आत्मघाती हमलावर एजेंसी का ‘गवाह’ बन चुका है और वह कोर्ट में बयान दर्ज कराएगा। एजेंसी ने आत्मघाती हमलावर की पहचान का खुलासा नहीं किया है। एनआईए ने बताया कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी पर हमला करने के लिए विस्फोटक से भरे जैकेट तैयार किए गए थे। इस धमाके के मुख्य आरोपी हैदर अली और उमर सिद्दीकी ने किसी पेड़ पर इसकी टेस्टिंग भी की थी।

बाद में आत्मघाती हमलावर ने इसे पहनने से इनकार कर दिया। एनआईए ने रांची के रिंग रोड के करीब रेल लाइन के पास के एक पेड़ की फोटो भी चार्जशीट में लगाई है, जिसमें जैकेट बांधकर रिमोट कंट्रोल से उसकी टेस्टिंग की गई थी। चार्जशीट में कहा गया है, ‘यह बात साफ हो चुकी है कि हैदर अली और उसके सहयोगियों ने मोदी पर फिदायीन हमला करने की योजना बनाई थी।’ अली और सिद्दीकी ने इसकी योजना बनाई और सिद्दीकी ने एक व्यक्ति को फिदायीन बनने के लिए प्रेरित किया, जो अब एजेंसी का गवाह है।

चार्जशीट में बताया गया है, ‘बातचीत के बाद उस व्यक्ति ने अली और सिद्दीकी से कहा कि मोदी के सुरक्षा कवर को देखते हुए उन्हें निशाना बनाना आसान नहीं होगा। उसने योजना के मुताबिक मोदी पर हमला करने से मना कर दिया।’ एनआईए ने कहा है कि अली इससे पहले मोदी की तीन रैलियों में भी मौजूद था। उसने तब मोदी के सुरक्षा घेरे का जायजा लिया था। मोदी का सुरक्षा घेरा देखने के बाद अली को इस बात का अंदाजा हो गया कि हथियारों से मोदी पर हमला करना संभव नहीं है।

चार्जशीट में कहा गया है, ‘इसलिए बाद में चुनावी रैली के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को मारने के लिए धमाका किया गया ताकि भगदड़ का फायदा उठाकर मोदी को करीब से टारगेट किया जा सके।’ एनआईए के खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि 13 सितंबर को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मोदी को जेहादी आतंकी समूहों से कितना बड़ा खतरा था। एनआईए ने कहा कि उसकी जांच के दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी ‘गोधरा दंगों के लिए नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार मानते थे’ और मुजफ्फनरगर दंगों ने उनकी इस सोच को और पुख्ता किया।