5 सितंबर शिक्षक दिवस पर मोदी जी ने सारे देश के बच्चों को सीधे संबोधित किये और उन बच्चों को बहुत कुछ समझाए तो उनकी मानसिकता को भी समझे । लेकिन एक बात पर सारी मिडिया खामोश है कि इन सारे कार्यक्रमों का आयोजक कौन था ? किस मंत्रालय के द्वारा यह खर्च वहन किया गया ? मोदी जी के स्वयं के प्रचार का रोना रोने वाली मिडिया अचानक इतनी खामोश क्यों हो गई है ? . … .
यह सारी बातें समय आने पर उजागर होगी लेकिन कुछ त्थ्य मैं सामने ला रहा हूँ उसके बाद भी समझ नही पड रहा कि 126 करोड रूपये खर्च करने वाला मंत्रालय कौन सा है ।
… पहली बार मुझे यह जानकारी मिली कि केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय के द्वारा इस सारे आयोजनों की रूपरेखा बनाई गई और मानव संसाधन मंत्रालय नें सीधे प्रसारण के अधिकार दूरदर्शन को 150 करोड रूपये के बदले मे दिये । यानि अप्रत्यक्ष रूप से 126 करोड रूपये के आयोजन के बदले महिला बाल विकास मंत्रालय को 150 करोड रूपये मिले । अब चूंकि यह रकम दूरदर्शन ने दिया है तो इस खर्च से प्रधानमंत्री कार्यालय और मानव संसाधन सहित सारे मंत्रालय खर्च की जवाबदेही से बच गए ।
अब बारी है दूरदर्शन से यह पुछने की कि उसने सारे चैनलों को 15 करोड से 30 करोड रूपये निजी चैनलों को प्रसारण दिखाने के एवज मे जो लिये हैं उसका हिसाब पुछने की । लेकिन दूरदर्शन से तो हम हिसाब मांगते रहेंगे …
सबसे बडा सवाल वहीं खडा है … मोदी जी के कार्यक्रम का आयोजक कौन ?
ये कैसा गुज्जू है जो व्यापार की बात करके नुकसान का काम कर रहा है ।
डब्बू मिश्रा