महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी ने खारिज किया शिव सेना का फॉर्म्युला
सुलह की दिशा में बात बढ़ने के एक दिन बाद शनिवार को शिव सेना और बीजेपी नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध दूर करने के लिए बातचीत की, लेकिन वे किसी नतीजे पर पहुंचने में नाकाम रहे। बीजेपी ने शिव सेना के उस फार्मूले को खारिज कर दिया जिसमें उसे 125 सीट पर चुनाव लड़ने की पेशकश की गई थी।
बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस ने शनिवार रात शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और उन्हें सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर बीजेपी कोर समिति के फैसले के बारे में बताया। उन्होंने शिव सेना को सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर एक नया प्रस्ताव दिया। शिव सेना के पूर्व में पेश प्रस्ताव के तहत वह 155 सीटों पर लड़ना चाहती थी और बीजेपी के लिए उसने 125 सीट छोडी थी जबकि बाकी की सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी जानी थीं।
फड़नवीस ठाकरे के आवास मातोश्री गए और शिव सेना प्रमुख से सीटों के बंटवारे के बारे में चर्चा की। मातोश्री से बाहर आकर फड़नवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने उद्धवजी से कहा कि शिव सेना के प्रस्ताव में सीटों की संख्या हमें मंजूर नहीं है। हम शिव सेना की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे। हमारी कोर समिति महसूस करती है कि अगर हम शिव सेना का प्रस्ताव मान लेते हैं तब हम पिछले चुनाव से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘ बैठक के दौरान मैंने सीटों के बंटवारे के बारे में नया प्रस्ताव पेश किया जिस बारे में हमने कोर समिति की बैठक में चर्चा की थी। मुझे उम्मीद है कि शिव सेना हमारे प्रस्ताव पर सहमत होगी और गतिरोध समाप्त होगा।’ बहरहाल, एनडीए के इन दोनों पुराने सहयोगियों ने इस बात पर बल दिया कि वे नहीं चाहते कि गठबंधन टूट जाए।
राज्य में 15 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 27 सितंबर है। कई दिनों की चुप्पी के बाद शुक्रवार की रात शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के महाराष्ट्र चुनाव प्रभारी ओ. पी. माथुर से बातचीत के लिए अपने 24 वर्षीय बेटे आदित्य ठाकरे और वरिष्ठ पार्टी नेता सुभाष देसाई को भेजा था और फिर बीजेपी को सीटों के बंटवारे का एक फॉर्म्युला पेश किया था। प्रदेश बीजेपी की कोर समिति के सदस्यों ने शनिवार को दो दौर की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया। इस बैठक में माथुर और महाराष्ट्र के पार्टी मामलों के प्रभारी पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रुडी भी थे।