चुनाव आयोग ने उप-चुनावों के लिए इस बार लगता है कुछ खास दिन चुना है…..
पित्रपक्ष के दौरान शनिवार का दिन और 13 तारीख…….. है न खास… हर तरह से….
लोकसभा की तीन और चार राज्यों की 33 विधान सभाई सीटों पर मतदान होना है इस दिन….
उत्तर प्रदेश में… मैनपुरी लोकसभा सीट और 11 विधानसभा की सीटें हैं…
गुजरात में…. बड़ोदरा लोकसभा की और 9 विधानसभा की सीटें….
राजस्थान में…. 21 विधानसभा की सीटों पर चुनाव हो रहे हैं….
असम में…… 3 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़ने हैं…..
तेलंगाना बनने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के इस्तीफे से खाली हुए मेडक की लोकसभा सीट पर भी इसी दिन मतदान होना है…..
16 को मतगणना है…… आने वाले नतीजों को क्या माना जाए…. जनता क्या मोदी सरकार पर अपनी राय देगी….. या फिर स्थानीय राज्य सरकारों के कामकाज पर इसे जनता की वास्तविक राय मानी जाए….
मुझे लगता है… राजस्थान में चूंकि केंद्र और राज्य सरकार दोनों एक ही पार्टी की है इसलिए वहां की जनता की राय महत्वपूर्ण होगी….. जनता ये बताएगी की भाजपा के कामकाज का तरीका उसे पसंद है या नहीं…..
कमोवेश यही बात गुजरात में भी लागू होगी…….
उत्तर प्रदेश, असम और मेडक की स्थिति भिन्न है….
मेडक के नतीजे बताएंगे कि कौन ”लहर” किस पर भारी है…. जबकि असम में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ उठ रही बगावत की आवाज के बीच यहां कांग्रेस के संकट की वास्तविकता परखेगें उप-चुनाव के नतीजे…..
उत्तर प्रदेश की स्थिति इन सब से अलग होगी… यहां बसपा अपने चुनावचिन्ह पर मैदान में नहीं है….
कांग्रेस मैदान में है जरूर पर लोकसभा के नतीजों के कारण उसका विश्वास हिला हुआ है…..
समाजवादी पार्टी अखिलेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल पर जनता की मुहर चाहती है….
जबकि भाजपा के लिए महत्वपूर्ण बात ये है कि सभी 11 विधानसभा सीटों पर उसी के विधायक चुने गये थे 2012 में….. यहां भाजपा के विधायकों को जनता ने लोकसभा पहुंचा दिया है…. अब यहां कि जनता फिर से विधायक चुनने जा रही है…
प्रमोद शुक्ला