भारत और ऑस्ट्रेलिय में बहुप्रतीक्षित न्यूक्लियर एनर्जी के लिए समझौते पर सहमति बन चुकी है। भारते के दौरे पर आए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘मैं और नरेंद्र मोदी आज परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।’ उन्होंने कहा कि उनका देश भारत के साथ करीबी संबंध चाहता है।
दोपहर में एबॉट ने भारत को यूरेनियम निर्यात के समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस मीटिंग में एबॉट ने मोदी को ऑस्ट्रेलियाई ऊन से तैयार एक ‘नेहरू जैकेट’ भेंट की। मोदी ने बदले में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को गीता की एक प्रति भेंट की। एबॉट ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया का संबंध दोनों के व्यापारिक और रणनीतिक जरूरतों के आधारित था, यह यूरेनियम आपूर्ति के समझौते से और मजबूत होगा।
यूरेनियम की सप्लाई को लेकर दोनों देशों के बीच 2012 में ही बातचीत शुरू हुई थी, जब ऑस्ट्रेलिया ने लंबे समय के बाद भारत पर से यूरेनियम के निर्यात को लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया था। दुनिया में यूरेनियम के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक देश ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने की वजह से भारत को इस खनिज को बेचने से इनकार कर दिया था। भारत, पाकिस्तान के अलावा उत्तर कोरया और इस्राइल भी एनपीटी पर साइन करने से इनकार कर चुके हैं।
इससे पहले शुक्रवार सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने टोनी एबॉट से मुलाकात की। एबॉट नई सरकार बनने के बाद सार्क देशों के अलावा भारत यात्रा पर आए किसी देश के पहले शासनाध्यक्ष हैं। मोदी से उनकी महत्वपूर्ण मुलाकात से पहले राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी गारद सलामी दी गई। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में प्रधानमंत्री ने एबॉट की अगवानी की।