ED को मिली रिपोर्ट, खतरे में माया के मंत्री

nasimuddin-kushwahaस्मारक घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई सौ करोड़ रुपये हड़पने वाले आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं।

ईडी इसके तहत लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू द्वारा पूर्व में की गई इस घोटाले की जांच की रिपोर्ट भी हासिल कर चुकी है। हालांकि अभी उसे सतर्कता अधिष्ठान की जांच से संबंधित दस्तावेज नहीं मिल सके हैं।

स्मारकों के निर्माण में 14 अरब रुपये से अधिक के घपले की शिकायत के बाद ईडी ने गत 11 अगस्त को लखनऊ स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन व बाबूसिंह कुशवाहा समेत कुल 19 के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

इससे पहले सतर्कता अधिष्ठान ने गोमतीनगर थाने में एक जनवरी 2014 को इन्हीं आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

ईडी ने सभी आरोपियों, खास तौर पर दोनों पूर्व मंत्रियों के साथ ही उनके नजदीकियों की चल-अचल संपत्ति और बैंक खातों के बारे में भी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

ईडी के सूत्रों का कहना है कि कई ऐसी फर्मों की जानकारी सामने आई है, जो इन दोनों पूर्व मंत्रियों या उनके अति करीबियों से जुड़ी बताई जा रही हैं।

साथ ही आरोपियों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों के बड़े बिल्डरों के साथ घोटाले की रकम निवेश किए जाने के तथ्य भी सामने आ रहे हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है।

आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हासिल करने के लिए स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थरों की सप्लाई, ढुलाई और तराशने के काम से जुड़ी फर्मों के संचालकों से भी पूछताछ की तैयारी है।

ईडी यह कवायद यह पता लगाने के लिए कर रही है कि किस फर्म को किस राजनेता या आला अधिकारी का प्रश्रय था और किसने कितना कमीशन किसको दिया।

यह भी जानने की कोशिश होगी कि इसमें दोनों पूर्व मंत्रियों की क्या भूमिका रही।