
दरसअल, द मार्स सोसायटी, इंस्पिरेशन मार्स और नासा द्वारा ‘इंस्पिरेशन मार्स स्टूडेंट डिजाइन कॉन्टेस्ट’ आयोजित किया था। इसमें दुनिया भर की टॉप यूनिवर्सिटी की टीमों ने हिस्सा लिया, जिसमें फाइनल के लिए 10 प्रतियोगियों को चुना गया। क्षितिज ने केइयो यूनिवर्सिटी जापान और परड्यु यूनिवर्सिटी अमेरिका की संयुक्त टीम में सिस्टम डिजाइन एंड सेफ्टी इंजीनियर की हैसियत से इस प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई।
इस टीम द्वारा तैयार यान के डिजाइन, लॉन्चिंग, यान की कार्यप्रणाली, अपनी कक्षा में प्रवेश करने, मंगल ग्रह पर उतरने, वापस आने और लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया ने जजों को बेहद प्रभावित किया। अमेरिका, रूस, जर्मनी, पोलैंड की टीमों को पछाड़ते हुए इस टीम से ये खिताब जीता है। ईमेल के जरिये उन्होंने ये जानकारी दी।
मार्स सोसायटी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में मिशन-2018 को ध्यान में रखते हुए ऐसे अंतरिक्ष यान का डिजाइन तैयार कराना था जो दो लोगों को लेकर मंगल ग्रह के ऊपर से उड़ान भर सके और 15 करोड़ मील का सफर तय कर वापस आ सके। बेहद साधारण होने के साथ सस्ता और सुरक्षित होना इसकी सबसे बड़ी खासियत होनी चाहिए।
क्षितिज ने नोएडा के जेएसएस कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। वे मूलरूप से नागपुर के रहने वाले हैं। परड्यु यूनिवर्सिटी से एरोस्पेस एरोनॉटिकल एंड एस्ट्रोनॉटिक्स में मास्टर्स करने के बाद इन दिनों पीएचडी कर रहे हैं। क्षितिज ने इस अंतरिक्ष यान के लॉन्च सिस्टम (प्रक्षेपण प्रणाली), स्पेसक्राफ्ट ट्रेजेक्टरी (अंतरिक्ष यान प्रक्षेपवक्र), एरोकैप्चर (यान की गति कम करने की तकनीक), बिजली और संचार प्रणाली तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है।