जनेश्वर मिश्र पार्क के लोकार्पण में नहीं आए आजम, छाए रहे अमर

05_08_2014-5amarलखनऊ। छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र के स्मृति में लखनऊ में बने पार्क के लोकार्पण समारोह में भले ही राज्यसभा सांसद तथा राष्ट्रीय लोकदल के नेता अमर सिंह मंच पर पहली पंक्ति में बैठे लेकिन समाजवादी पार्टी के तमाम दिग्गज नदारद रहे। अमर सिंह के आने की खबर से इस कार्यक्रम से सपा के सांसदों ने भी दूरी बना ली।

पार्क के लोकार्पण समारोह में आजम खां की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही। पार्क के निर्माण में गहरी रुचि लेकर समय-समय पर निमार्ण कार्य का निरीक्षण करने वाले आजम खां ने इसके लोकार्पण कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार की थी। आजम खां के साथ ही सपा का एक भी लोकसभा सदस्य कार्यक्रम में मौजूद नहीं था। कन्नौज से सांसद डिपंल यादव तो मुख्यमंत्री की पत्नी तथा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू है। इनके परिवार के ही धमर्ेंद्र यादव बदायूं से तथा अक्षय यादव फीरोजाबाद से सांसद हैं। यह दोनों की कार्यक्रम से दूर रहे। सपा के थिंकटैंक माने जाने वाले प्रोफेसर राम गोपाल यादव, अमर सिंह से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले नरेश अग्रवाल के अलावा जया बच्चन ने भी अपने को इस कार्यक्रम से अलग ही रखा।

बढ़ गया अहमद हसन का कद

कार्यक्रम में आजम खां के न आने के बाद अगली पंक्ति में रखी गई उनकी कुर्सी के सामने से नाम पट्टिका को हटा दिया गया। यह कुर्सी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बगल में रखी गयी थी। इस खाली कुर्सी पर मुलायम सिंह यादव ने स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन को बैठाकर उनका कद बढ़ा दिया।

चर्चा का विषय बने अमर सिंह

कार्यक्रम के लोकार्पण पर अमर सिंह को शॉल पहनाने के साथ ही पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। उनसे वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव काफी देर तक बात करते रहे। इस मौके पर जब पूरा समाजवादी परिवार एकजुट था, तो सत्ता के गलियारों में अमर सिंह की चर्चाएं भी चलीं। राष्ट्रीय लोकदल के नेता अमर सिंह की इस कार्यक्रम में मौजूदगी से उनके सपा में लौटने की आहट तेज हो गई हैं। उनके सपा के करीब आने का मुख्य कारण उनका एक बार फिर से राज्यसभा में जाने की मन भी है। उनका राच्यसभा का कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है। अगर उन्हें कोई पार्टी दोबारा यूपी से राच्यसभा में भेज सकती है तो वह सपा ही होगी। सपा मुखिया की इच्छा के बगैर यह संभव भी नहीं। फिर से बनी नजदीकी राच्यसभा में जाने तक ही सीमित रहती है या वह फिर से सपाई बनते हैं यह दिलचस्प होगा।