कांग्रेस के बुरे दिन! नहीं मिल रहे उम्मीदवार

चुनाव में कांग्रेस की टिकट के लिए मारामारी का दौर अब बीते जमाने की बात हो गई है। केंद्र की सत्ता हाथ से जाने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं की चाह अब कम पड़ने लगी है।

दरअसल, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की टिकट चाहने वालों की संख्या और उत्साह पिछली बार के मुकाबले भारी गिरावट आयी है। टिकट मांगने वालों के गिरते ग्राफ को देखकर कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है।

चुनावी राज्यों का काम देख रहे नेताओं के माथे पर चिंता के बल पड़ गए हैं। लिहाजा, राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि प्रदेश कांग्रेस इकाइयां डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस की अपनी सरकार है।

महाराष्ट्र में पार्टी 15 साल तो हरियाणा में दस साल से सत्ता में है। दोनों राज्यों में पार्टी को कई सालों की सत्ता विरोधी लहरों का सामना करना पड़ रहा है। मगर इन राज्यों में लोकसभा चुनाव की करारी हार से पार्टी का हौंसला पस्त लग रहा है।

हरियाणा की विधानसभा सीट के लिए सिर्फ 1212 आवेदन ही मिले है। जबकि 2009 के पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को आठ हजार से ज्यादा आवेदन मिले थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर सफाई देते हैं कि ये संख्या पूरी जांच और छंटाई के बाद की संख्या है।

अगर बिना जांच के आवेदन और बायोडाटा को गिना जाए तो ये संख्या एक लाख से ज्यादा बैठेगी। उन्होंने कहा कि एआईसीसी को भी सीधे आवेदन मिल रहे हैं। सिर्फ हरियाणा ही नहीं महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की टिकट से लड़ने वालों की ख्वाहिश रखने वालों की संख्या घट रही है।