इराक के मोसुल शहर में चरमपंथी समूह- इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के महिलाओं से संबंधित ख़तना कराने के फ़तवे की प्रमाणिकता पर शक जाहिर हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने एक बयान के हवाले से कहा था कि आईएसआईएस चाहता है कि 11 से 46 साल की सभी महिलाएं ख़तना कराएं।
संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी जैक्लिन बैडकॉक ने इस फ़तवे पर चिंता जताई थी। लेकिन मीडिया विश्लेषकों का कहना है कि सोशल मीडिया पर आने वाला यह फ़तवा गलत हो सकता है।
इसमें टाइपिंग और भाषा की गलतियां हैं। यह फ़तवा “इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लेवांत” के नाम से आया है। इस नाम का इस्तेमाल आईएसआईएस समूह काफी लंबे समय से नहीं कर रहा है।