उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भारी बारिश के चलते कैलास मानसरोवर यात्रा पर गया पांचवा जत्था फंस गया है। इस जत्थे में करीब 50 लोग हैं।
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग पर यह जत्था फंसा हुआ है। प्रशासन द्वारा इन लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही कुमाऊं में भारी बारिश के चलते सभी नदी व नाले उफान पर हैं। मलबा आने से टनकपुर-पिथौरागढ, पिथौरागढ़-अल्मोड़ा, हल्द्वानी-भवाली, नैनीताल-कालाढूंगी सहित कई अन्य सड़के बंद हैं।
उधर लगातार हो रही बारिश से पहाड़ पर कई मार्ग गुरुवार को भी बंद रहे। मलबा आने से तवाघाट से नारायण आश्रम और तवाघाट से सोबला जाने वाली सड़क बंद हो गई थी।सड़क बंद होने से यात्रा पूरी कर लौट रहे कैलास यात्रियों के पांचवें दल को सिर्खा से मांगती के रास्ते पिथौरागढ़ आना पड़ा था।�
इधर, हल्द्वानी में चोरगलिया में शेर नाले के उफान में आने से हल्द्वानी आ रही बस बह गई, जिससे बस में बैठे 10 यात्री फंस गए।
बाद में ग्रामीणों की मदद से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। गुरुवार को हल्द्वानी-सितारगंज मार्ग करीब पांच घंटे बंद रहा।
नैनीताल जिले में नैनीताल-कालाढूंगी, बेतालघाट-गर्जिया, डालकन्या-गोनियारो, पहरियाधार-सुरंग, मंगोली- खमारी-थापला, छीड़ाखान-
अमजड़ मार्ग भूस्खलन के चलते बंद रहे।
भीमताल-रानीबाग, बेतालघाट-गर्जिया मार्ग भी मलबा आने से बंद हो रहा। पिथौरागढ़ में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग गुरुवार को दूसरे दिन भी बंद रहा।
देवलथल-कनालीछीना मार्ग तीसरे दिन भी नहीं खुल सका। पिथौरागढ़ में महाकाली और सरयू खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं।महाकाली का जलस्तर गुरुवार को 888.8 मीटर नापा गया। महाकाली का खतरे का निशान 890 मीटर पर लगा है। सरयू का जल स्तर 447.8 मीटर तक पहुंच गया है।
इसका खतरे का निशान 453 मीटर पर लगा है। रामनगर में कोसी का जलस्तर 2167 क्यूसेक और हल्द्वानी में गौला का जलस्तर 20683 क्यूसेक तक पहुंच गया है।
रकसिया नाला आसपास रहने वालों के लिए मुसीबत बनकर टूटा है। नाले के पानी से धान की पौध बर्बाद हो गई है। पहाड़ पर हुई बारिश से ऊधमसिंह नगर में लेवड़ा में उफान आ गया है।
यहां के दर्जनभर गांव जलमग्न हो गए हैं। इसके चलते नैनीताल स्टेट हाइवे चार घंटे बंद रहा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और कैदियों को ले जा रही पुलिस की गाड़ी भी फंसी रही।
सितारगंज में विकराल बनी बैगुल ने झाड़ी बरुआबाग गांव में कहर बरपा दिया। दर्जनों घरों में पानी घुस गया। करीब 10 एकड़ गन्ने की फसल भी बर्बाद हो गई है।