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बजट की सकारात्मक बातें: कड़वी दवा के बजाए ‘मीठी गोली’ दे गए जेटली

10_07_2014-jetleyaनई दिल्ली। कड़वी दवा दिए जाने की संभावना को दरकिनार करते हुए सरकार ने आम बजट में आम लोगों को बड़ी चतुराई से राहत देने की कोशिश की है। बजट में एक ओर जहां आयकर सीमा छूट बढ़ाकर मध्य आयवर्ग के लोगों को खुश करने की कोशिश की गई है, वहीं कारपोरेट जगत ने भी इसे सकारात्मक रूप में लिया है।

सरकार ने बजट में गंगा, नदियों को जोड़ने, आयकर सीमा छूट में बढ़ोतरी, किसानों को सस्ता कर्ज, रक्षा एवं बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश की सीमा बढ़ाने, राजकोषीय घाटा कम करने के उपाय पर स्पष्ट दृष्टिकोण रखकर एक बेहतर बजट पेश करने की कोशिश की है।

लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वीकार किया कि अर्थव्यस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती है। अगले 3-4 वर्षो में 7-8 फीसद की सतत वृद्धि बनाए रखने के लिए हमें मुद्रास्फीति की निम्न स्तर, निम्न राजकोषीय घाटा और नियंत्रणीय चालू खाता घाटे पर नियंत्रण करना होगा।

बजट में रक्षा क्षेत्र में एफडीआइ को 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद की गई है। इससे रक्षा उपकरणों के घरेलू निर्माण में मदद मिलेगी और रोजगार सृजन भी होगा। इसी तरह बीमा क्षेत्र में भी 49 फीसद एफडीआइ की अनुमति का प्रस्ताव है।

मोदी सरकार ने अपने वादे के मुताबिक बजट में सौ स्मार्ट शहरों का विकास करने और मध्यम आकार के शहरों का आधुनिकीकरण करने के लिए 7060 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है।

अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बजट में ई-वीजा का प्रस्ताव किया है। इसके तहत देश के नौ हवाईअड्डों पर अगले छह माह यह सेवा शुरू हो जाएगी। शुरुआत में चुनिंदा देशों के नागरिकों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा, फिर इस सूची में अन्य देशों को भी शामिल किया जाएगा।

बजट में सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूबर्न मिशन की घोषणा की जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग नगर-विषयक अवसंरचना और संबद्ध सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इसी तरह सभी घरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की घोषणा की गई और इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

वहीं लौहपुरुष सरदार बल्लभाई पटेल को देश की एकता का प्रतीक बताते हुए सरकार ने आम बजट में उनकी मूर्ति के निर्माण के लिए 200 करोड़ की धनराशि के निर्धारण का प्रस्ताव किया है।

लड़कियों को लेकर समाज की उदासीनता को रेखांकित करते हुए सरकार ने इस पर चिंता जताई और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए। साथ ही सरकार ने महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए उससे जुड़े मुद्दों के प्रति देश के लोगों को भावनात्मक बनाने वाले अभियानों पर ध्यान केंद्रित करने का ऐलान किया। इस विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का भी सरकार ने प्रस्ताव पेश किया।

ग्रामीण विकास के क्षेत्र पर अत्यधिक जोर देते हुए बजट में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के मद में 14,389 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने का प्रस्ताव है, जो एक महत्वपूर्ण फैसला है। पंचायती राज को मजबूत बनाने, पीने के स्वच्छ पानी की उपलब्धता, ग्रामीण आवास को लेकर भी सरकार ने बजट में महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी पहल करते हुए सरकार ने चार नए एम्स की स्थापना का संकल्प व्यक्त किया है। इसके लिए 500 करोड़ का आवंटन किया गया है। साथ ही 2022 तक सभी को घर देने का वादा पूरा करने की शुरुआत करते हुए चार हजार करोड़ रुपये की राशि जारी करने का ऐलान किया गया।

अल्पसंख्यकों के विकास हेतु सरकार ने ‘कला, संसाधन और वस्तुओं में परंपरागत कौशल का उन्नयन’ नामक कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। इसके साथ ही मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये जारी करने का ऐलान किया।

NCR Khabar News Desk

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