उत्तर प्रदेशभारत

पर्यटकों से गुलजार होंगी हवेलियां

09_07_2014-Surat9लखनऊ,  हवेलियों, महलों व किलों में विलासितापूर्ण जीवन का अनुभव लेना अब ख्वाब नहीं बल्कि हकीकत बनेगा। अतीत में अपनी भव्यता के लिए मशहूर वर्षो पुराने राजमहल, किलों व हवेलियों के दरवाजे जल्द सैलानियों के लिए खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने हेरिटेज पर्यटन पॉलिसी को हरी झंडी देकर तमाम हवेलियों व भवनों पर जमी धूल झाड़कर आबाद करने की कोशिश की है।

राजस्थान व मध्य प्रदेश की तर्ज पर सूबे में पर्यटन को नई दिशा देने के लिए धरोहरों को पर्यटन से जोड़ने की तैयारी है। माना जा रहा है कि इससे बुंदेलखंड, विंध्य व बौद्ध परिपथ की सरजमीं पर सांस्कृतिक, एतिहासिक व प्राकृतिक नजरिए से महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के प्रति भी आकर्षण बढ़ेगा। पर्यटक चाहे वह घरेलू हो या विदेशी कुछ नया अनुभव करना चाहता है। यही वजह है कि सैलानियों में हेरिटेज पर्यटन के प्रति रुझान काफी तेजी से बढ़ा है। राजस्थान व मध्य प्रदेश में यह फार्मूला काफी सफल रहा है। इससे अर्थ व्यवस्था काफी मजबूत हुई है।

यूपी के विभिन्न जिलों के लगभग 16 महल, किले व हवेली मालिकों ने इस योजना के लिए हाथ बढ़ाया है। इन्हें हेरिटेज होटल की तरह संवारा जाएगा। कोई वजह नहीं है कि पर्यटक प्रदेश की ओर आकर्षित न हों।

यहां हैं हेरिटेज:

-भूपति भवन, अमेठी

-कोठी गेस्ट हाउस, गभाना, अलीगढ़

-राजभवन पैलेस, भिनगा, बहराइच

-नील बाग पैलेस, बलरामपुर

-राज सदन, अयोध्या

-रामपुरा फोर्ट, जालौन

-समथर फोर्ट, झांसी

-अनिरुद्ध भवन, ओएल, लखीमपुर खीरी

-राजापुर कोठी, लखीमपुर खीरी

-सूरत भवन पैलेस, लखीमपुर खीरी

ये सुविधाएं मिलेंगी:

-बैंक ऋण पर 25 प्रतिशत छूट

-बैंक ब्याज पर पांच प्रतिशत अनुदान

-पांच वर्ष तक बार लाइसेंस शुल्क न दिए जाने की छूट

-जेनरेटर खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी

-एक हजार या अधिक किराए वाले कमरे पर लक्जरी टैक्स में पांच प्रतिशत छूट

-तीन गाड़ियों पर पांच वर्ष तक नहीं लिया जाएगा रोड टैक्स

-50 रुपये प्रति माह प्रति कमरा लिए जाने वाले मनोरंजन कर में छूट

ये संभावनाएं:

उत्तराखंड अलग होने के बाद हेरिटेज पर्यटन के जरिए सूबे की अर्थ व्यवस्था मजबूत हो सकती है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी व नई पीढ़ी हेरिटेज के बारे में जान सकेंगी।

हेरिटेज पर्यटन पॉलिसी का बहुत समय से इंतजार था। इससे जहां जमींदोज होती हवेलियों, महलों को आने वाली पीढि़यों के लिए संजोया जा सकेगा। वहीं, ग्रामीण रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

राकेश प्रताप सिंह, महेश विलास पैलेस, शिवगढ़

राजस्थान की तरह ही प्रदेश में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हेरिटेज जो इतिहास का हिस्सा है, उसे अब संवार कर पर्यटन के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। इस बहाने सूबे में बिखरे पड़े महलों, हवेलियों पर भी ध्यान आकृष्ट हो सकेगा।

राना शिव नाथ सरन सिंह, खजूर गांव, रायबरेली

NCR Khabar News Desk

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