नई दिल्ली – उम्मीदों की लहर पर सत्ता में आई मोदी सरकार का पहला बजट हर वर्ग की आशाओं को कायम रखने में तो सफल रहा है। आर्थिक सुधार और सामाजिक सरोकार के बीच संतुलन साधने की जटिल चुनौती से वित्त मंत्री अरुण जेटली बखूबी निपटे। उनके पिटारे से आम जनता से लेकर किसान और उद्योग सभी के लिए कुछ न कुछ निकला है। सरकार ने रक्षा उत्पादन और बीमा में एफडीआइ की सीमा बढ़ा कर सुधारों की तरफ कदम बढ़ाया है तो महंगाई से त्रस्त जनता को आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर राहत देने की कोशिश भी की है।
बुनियादी ढांचे के निर्माण की रफ्तार बढ़ाने के साथ-साथ स्मार्ट सिटी परियोजना के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को अमली जामा पहनाने की शुरुआत हुई है। विकास की रफ्तार बढ़ाने को बेहद जरूरी निवेश का माहौल बनाने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। साथ ही अर्थव्यवस्था के सबसे अहम खेती किसानी में निजी व सार्वजनिक निवेश लाने के उपाय कर वित्त मंत्री ने भविष्य में खाद्य सुरक्षा की चिंता को साधा है। एक तरफ उद्योगों में निवेश लौटाने के लिए टैक्स विवादों और जटिलताओं को दूर करने की तरफ कदम बढ़ाया है। दूसरी तरफ सस्ते आयात से बचाकर घरेलू उद्योगों को उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।
एक महीने से कुछ अधिक समय में तैयार किए मोदी सरकार के पहले आम बजट में वित्त मंत्री ने पूरे देश और तकरीबन हर तबके को तवज्जो दी है। पूर्वोत्तर भारत से लेकर जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों की आवश्यकताओं का ध्यान रख राजनीतिक संदेश भी दिया है। गंगा स्वच्छता के लिए ‘नमामि गंगे’ के नाम से एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन की शुरुआत हुई है। भाजपा के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी ‘नदी जोड़ो योजना’ को भी मोदी सरकार ने अपने बस्ते से निकाल लिया है।
हालांकि, चुनावों के दौरान भाजपा के एजेंडे पर रहे दो मुद्दों महंगाई और काले धन की वापसी को लेकर वित्त मंत्री अपने बजट में कुछ भी कहने से बचे हैं। महंगाई पर केवल प्राइस स्टेबिलिटी फंड के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन का जिक्र वित्त मंत्री ने किया है। लेकिन वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) कब से लागू होगा, इसे लेकर भी स्पष्ट एलान बजट में नहीं है। सुधारों के क्रम में विशेषज्ञ इस पर जल्द से जल्द अमल की वकालत करते रहे हैं। अलबत्ता जीएसटी पर इस वर्ष राज्यों के साथ सहमति बनाने की उम्मीद वित्त मंत्री ने जरूर जाहिर की है।
मोदी सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप जेटली ने सेहत और शिक्षा को उच्च प्राथमिकता पर रखा है। जनता को बेहतर और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए देश में चार नए एम्स खोलने का ऐलान किया है। यही नहीं शुरुआती शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
पांच नए आइआइटी और पांच नए आइआइएम खोलने का एलान करके वित्त मंत्री ने देश में उच्च शिक्षा का लाभ सभी तक पहुंचाने की तरफ कदम बढ़ाया है। बजट में महिलाओं, अनसूचित जातियों, जनजातियों और अल्पसंख्यकों, विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों के हितों को भी तवज्जों दी गई है।
माना जा रहा था कि सरकार सामाजिक विकास के लिए चलाई जा रही फ्लैगशिप स्कीमों के पुनर्गठन को लेकर अपने बजट में कदम उठाएगी। लेकिन फिलहाल सरकार ने मनरेगा समेत सभी मौजूदा स्कीमों को जारी रखने का फैसला किया है। आर्थिक विकास में अहम स्थान रखने वाले कृषि क्षेत्र में निजी व सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के उपायों के साथ साथ वित्त मंत्री ने किसानों को पर्याप्त मात्रा में बैंक कर्ज उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की है।
सुधारों की तरफ कदम बढ़ाते हुए वित्त मंत्री ने एफडीआइ के अलावा बैंकिंग क्षेत्र पर खासा जोर दिया है। बजटीय प्रावधानों से पूंजी मुहैया कराने के बजाय वित्त मंत्री ने बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने के लिए प्रोत्साहित किया है। लेकिन जेटली ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी बहुमत में ही रहेगी। सुधारों के क्रम में सरकार ने टैक्स सुधारों और विवाद वाले मुद्दों को हल करने की तरफ भी कदम बढ़ाया है। इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
महत्वपूर्ण घोषणाएं :–
– स्मार्ट सिटी में भी एफडीआइ का प्रस्ताव।
– बड़े शहरों के आसपास 100 स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव।
– सरकारी बैंकों के शेयर बेचे जाएंगे।
– जीएसटी को खत्म करने का प्रस्ताव।
– चार नए एम्स बनाने का प्रस्ताव।
– गांधी जयंती पर स्वस्थ भारत अभियान शुरू किया जाएगा।
– बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना की शुरुआत,100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
– राजग सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी, इसके लिए 14 हजार 389 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव।
– अनुसूचित जाति के युवाओं को रोजगार के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
– महिलाओं की सुरक्षा के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये बड़े शहरों में खर्च करेगी सरकार।
-सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा बनाने के लिए गुजरात सरकार को 200 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
-12 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी जाएगी।
– जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्र प्रदेश, केरल में 5 नए आइआइटी और आइआइएम बनाने का प्रावधान। 500 करोड़ रुपये आवंटित।
– ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी पर 3 हजार 6 सौ करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव।
– मरनेगा में कृषि को शामिल किया जाएगा।
-सुशासन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
-दृष्टि बाधितों के लिए करेंसी नोट्स छापे जाएंगे।
– 500 करोड़ रुपये का बनेगा महंगाई फंड।
-आंध्र प्रदेश, राजस्थान में कृषि विश्वविद्यालय।
– देश भर में 24 घंटे बिजली सप्लाई की योजना।
– किसानों का कर्ज आसान बनाया जाएगा।
– कृषि ऋण के लिए 8 लाख करोड़ का प्रस्ताव।
-किसान टीवी चैनल शुरू किया जाएगा।
– किसानों के लिए मिंट्टी हेल्थ कार्ड।
– जलवायु परिवर्तन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– महंगाई कम करने पर पूरा जोर दिया जाएगा।
– 7-8 फीसदी की जीडीपी दर हासिल करने की उम्मीद।
– अर्थव्यवस्था सुधार के लिए कदम उठाएंगे।
– नई यूरिया पॉलिसी बनाई जाएगी।
– फूड और ऑयल सब्सिडी सिर्फ जरूरतमंदों के लिए।
– रक्षा क्षेत्र के लिए 2 लाख 29 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान।
– 8500 किलोमीटर नेशनल हाइवे बनेगा।
– वाराणसी में बुनकरों के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– सीमा रेल योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– नेशनल वार मेमोरियल के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– एफसीआइ तीन हिस्सों में बंटेगा।
– सूक्ष्म और मझोले उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।
– एसईजेड फिर से शुरू किए जाएंगे।
– अल्ट्रा मॉडर्न सोलर परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– राज्यों को खनिज पर मिलने वाले रायल्टी पर पुन: विचार होगा।
– थर्मल पावर तकनीक के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– कोयला उत्पादन बढ़ाने की कोशिश होगी।
– एक परिवार में दो बैंक खातों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
– पीपीएफ में बचत सीमा बढ़ाई गई।
– सभी वित्तीय लेनदेन का एक ही डी मैट होगा।
– अल्प बचत को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
– सेना में एक रैंक एक पेंशन के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– पांच टूरिस्ट सर्किट बनाए जाएंगे।
– तीर्थस्थलों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड।
– नमामि गंगा परियोजना के लिए 2037 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– पुलिस मेमोरियल के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– नदियों को जोड़ने के लिए रिसर्च पर 100 करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान।
– गंगा की सपाई के लिए अध्ययन को 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– मणिपुर में खेल विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– जम्मू कश्मीर में खेल प्रोत्साहन के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– महिला खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– विस्थापित कश्मीरियों के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– दिल्ली में बिजली के लिए 200 करोड़ रुपये।
– दिल्ली में पानी के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– पूर्वोत्तर के लोगों के लिए अरुण प्रभा नामक टीवी चैनल का प्रस्ताव।
– पूर्वोत्तर के राज्यों को रेल से जोड़ने के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं।
– 2.5 लाख की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
– 60 साल के कम उम्र के लोगों के लिए टैक्स में छूट की सीमा बढ़ी।
– वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट 2.5 लाख से बढ़ा कर 3 लाख किया।
– खाद्य तेल, साबुन सस्ता।
– सामान्य टीवी सस्ता।
– 19 इंच से कम के एलसीडी, एलईडी सस्ता।
– स्मार्ट कार्ड पर लगने वाला शुल्क कम होगा।
– स्टेनलेस स्टील के सामान सस्ते।
– सिगरेट, गुटखा, पान मसाला महंगा।
– रेडीमेड कपड़े, सजने-संवरने [कॉसमेटिक्स] का सामान हुआ महंगा।
– कोल्ड ड्रिंक्स हुआ महंगा।