मुख्यमंत्री आखिलेश यादव की तमाम कोशिशों के बाद भी उत्तर प्रदेश में हालात पटरी पर नही आ पा रहे हैं।
अपराधियों के हौसले बुलंद है और कानून व्यवस्था की रोजाना धज्जियां उड़ रही हैं।
बदायूं में नाबालिगों के गैंगरेप और हत्या के बाद प्रदेश की सरकार सवालों के घेरे में है। वहीं, फिरोजाबाद में रविवार की रात दो सिपाहियों की हत्या के बाद पुलिस व्यवस्था की पोल भी खुल गई है।
उत्तर प्रदेश में पिछले 10 दिनों में 3 भाजपा नेताओं की हत्या हो चुकी है और इतने ही नेताओं पर जानलेवा हमला हो चुका है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव बाद हिंसा की आशंका लोकसभा चुनावों से पहले जताई गई थी। पिछले चंद दिनों में भाजपा नेताओं पर हमलों की जैसी खबरें आई हैं, उसके बाद ये आशंका सच साबित होने लगी है।
पिछले 10 दिनों में तीन भाजपा नेताओं की हत्या हो चुकी है। रविवार को फतेहपुर की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति पर जानलेवा हमला किया गया। हमले में भारतीय जनता युवा मोर्चा का नेता ही शामिल था।
उसी दिन मथुरा में भाजपा ने देवेंद्र शर्मा पर फायरिंग की गई। फायरिंग करने वालों की शिनाख्त नहीं हो सकी। हमले में देवेंद्र शर्मा की मां भी बाल-बाल बचीं। देवेंद्र ने 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा था।