केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो नाबालिग बहनों के साथ रेप और हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मंगलवार को औपचारिक तौर पर इस जांच की अनुशंसा सीबीआई को कर दी।
जांच एजेंसी ने भी डीआईजी मधुप तिवारी की अगुवाई में बदायूं कांड की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। यह टीम जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगी। उधर, ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की सड़क हादसे में हुई मौत की जांच भी सीबीआई को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गृहमंत्रालय ने इस बाबत फाइल डीओपीटी के सुपुर्द कर दी है।
बदायूं में बर्बरता की शिकार दोनों बहनों के पोस्टमार्टम से साफ हो गया है कि पहले उनके साथ दुष्कर्म किया गया और इन्हें जिंदा ही पेड़ से लटका दिया गया था। उसी अवस्था में उनकी मौत हो गई।
इस घटना की चौतरफा भर्त्सना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया था। मंगलवार को राज्य प्रशासन और डीओपीटी के अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत हुई। इसके बाद मामला सीबीआई को भेज दिया गया।
गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस वीभत्स कांड पर काफी गैर जिम्मेदाराना तरीका अपनाया है। सीबीआई को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि आखिर किन हालात में पुलिस ने ऐसा रवैया अपनाया।
वहीं सूत्रों ने बताया कि गोपीनाथ मुंडे की गाड़ी की दुर्घटना की जांच पर भी महाराष्ट्र से काफी दबाव दिया जा रहा है। राज्य की भाजपा इकाई सीबीआई जांच की लगातार मांग कर रही है। गृहमंत्रालय ने डीओपीटी से जांच को सीबीआई को सौंपने की तैयारी के निर्देश दे दिए हैं।