गंगा आरती के बाद नरेंद्र मोदी अब दिल्ली के सिंहासन पर विराजमान होने की तैयारी में जुट गए हैं। दिल्ली में डटे मोदी ने कैबिनेट गठन की कमान अपने हाथ में ले ली है।
उन्होंने इस मुद्दे पर संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श तेज कर दिया है। इसके लिए वे रविवार सुबह पार्टी के भीष्म पितामह लालकृष्ण आडवाणी और शाम को वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी से भी मिले।
मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आशीर्वाद लेने के लिए उनके आवास पर भी पहुंचे थे।
भाजपा के नव निर्वाचित सांसद मंगलवार को मोदी को अपना नेता चुनेंगे। इसके बाद वे अगले एक-दो दिन में प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लेंगे। शपथ लेने से पहले मोदी कैबिनेट गठन की कवायद में जुटे हैं।
सूत्रों के अनुसार मोदी ने संघ के साथ मिलकर कैबिनेट का खाका लगभग तैयार कर लिया है। आडवाणी का लोकसभा स्पीकर बनना लगभग तय माना जा रहा है, जबकि मुरली मनोहर जोशी कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं।
इसके अलावा राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, उमा भारती, मुख्तार अब्बास नकवी, बीसी खंडूरी, राजीव प्रताप रूडी का कैबिनेट में शामिल होना तय माना जा रहा है।
बहरहाल, गुजरात भवन में डटे मोदी रविवार को दिनभर नई सरकार के गठन को लेकर भाजपा नेताओं से मिलते रहे। संघ नेता सुरेश सोनी और भैय्या जी जोशी ने भी मोदी से मुलाकात की।
मोदी ने आडवाणी से भी मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने अपने करीबी सहयोगी अमित शाह, पार्टी महासचिव जेपी नड्डा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और बिहार के प्रभारी महासचिव धर्मेंद्र प्रधान के साथ गुफ्तगू की। माना जा रहा है कि उन्होंने सरकार के गठन के अलावा बिहार के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर भी चर्चा की।