नरेंद्र मोदी का दांया हाथ कहे जाने वाले भाजपा नेता अमित शाह को सीबीआई की एक अदालत ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में क्लीन चिट दे दी है।
चुनावी माहौल में कई तरह के विवादित बयानों से अपने विरोधियों का शिकार हो रहे अमित शाह को कोर्ट के इस फैसले से बड़ी राहत मिली है। शाह के खिलाफ कोर्ट के सामने कोई सबूत मौजूद न होने पर क्लीन चिट दी गई।
गौरतलब है कि सीबीआई ने अदालत में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश की और इस रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट को बताया कि भाजपा नेता के खिलाफ उसके पास कोई सबूत नहीं है।
15 जून 2004 को इशरत जहां नाम की 19 वर्षीय युवती को गुजरात पुलिस क्राइम ब्रांच ने आतंकवादियों के साथ होने के संदेह में एनकांउटर कर दिया था।
इशरत जहां पर गुजरात पुलिस का आरोप था कि उसके दोस्त लश्कर ए तयबा के आतंकवादी थे जो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की साजिश रच रहे थे।
एनकाउंटर के बाद इशरत जहां मामले ने राजनीतिक तूल ले लिया था। कई राजनीतिक दलों ने इसे गुजरात पुलिस की ज्यादती बताया और इशरत जहां को निर्दोष बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।
अमित शाह और गुजरात सरकार को राहत देने वाले कोर्ट के इस फैसले पर भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। भाजपा की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि भाजपा को पहले से पता था कि यह फैसला उनके पक्ष में आएगा।
सीतारमण ने कहा कि यह अमित शाह और नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने यह षड़यंत्र रचा था। कोर्ट के इस फैसले ने कांग्रेस की साजिश को बेनकाब कर दिया है।
इसके साथ ही भाजपा प्रवक्ता ने अपने पक्ष आए कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।