
चुनाव प्रचार के दौरान कन्नड़ साहित्यकार ने एक बयान में कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह देश छोड़कर जाना पसंद करेंगे।
हालांकि बाद में उन्होंने अपना बयान वापस लेते हुए कहा कि उन्होंने निराशावश ऐसा कहा था।
भले ही अनंतमूर्ति अपने बयान से पीछे हट चुके हों लेकिन चुनाव नतीजों के तुरंत बाद नमो ब्रिगेड नाम के एक संगठन ने अनंतमूर्ति को एक यात्रा निर्देशिका भेजी है। जिसमें कराची जाने के लिए दो टिकट भी हैं।
अनंतमूर्ति ने आगे कहा, “उनकी यह बहुत ग़लत बात है। मैं इस देश का बहुत गंभीर लेखक हूं और अब मैं 82 साल का हो गया हूं। मेरे लिखे उपन्यासों को पूरी दुनिया जानती है। मैंने भारतीय गांव के अपने विचार को पूरी दुनिया तक पहुंचाया है। मैं एक संभ्रांत लेखक हूं। मेरा इस तरह मज़ाक नहीं बनाया जा सकता। मैं एक बहुत स्वाभिमानी व्यक्ति हूं।”
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार अति आत्मविश्वास और पार्टी कार्यकर्ताओं की ‘चापलूसी’ के चलते हुई।
अनंतमूर्ति से जब मोदी को लेकर रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “बीजेपी में यह डर पहले से है। मुझे नहीं लगता कि बीजेपी एक लोकतांत्रिक संगठन है, वैसे यह कांग्रेस के मुकाबले तो ज़्यादा लोकतांत्रिक है। इसमें मोदी दबंग की तरह काम करेंगे.”
उन्हें लगता है कि मोदी राज में आज़ादी ख़त्म हो जाएगी, “अगर आप किसी फ़ैक्टरी के मजदूर हैं तो आपको पूरी क्षमता से काम करना होगा। मोदी का लक्ष्य देश को कम से कम चीन के स्तर तक पहुंचना है।”