हा..हा..हा
प्रिय केजरीवाल
आपकी बौखलाहट लाज़िमी है। कहां तो “आज तक” के पुण्य प्रसून वाजपेयी आपको समझा रहे थे कि वोट बैंक पुख्ता करने के लिए इंटरव्यू में क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं। वह आपको भरोसा भी दिला रहे थे कि आपके साथ हुए इंटरव्यू में क्या दिखाएँगे और क्या काट देंगे।
अब वही वाजपेयी अगर राहुल कंवल के साथ बैठकर मोदी को ज़बरदस्त जीत दिला रहे हैं तो आपको गुस्सा तो आएगा ही। अब “पीठ में छुरा घोंपने वाले दोस्त” वाजपेयी को तो आप कुछ कह नहीं सकते (अभी दिल्ली विधानसभा चुनावों में दोबारा हवा जो बनवानी है) इसलिए अरुण पुरी पर ही भड़ास निकाल सकते हैं आप।