लोकसभा के जारी चुनाव के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से प्रायोजित एक रिपोर्ट में गुजरात की प्रशंसा कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकती है।
रिपोर्ट में गुजरात के जमीन अधिग्रहण मॉडल को बेहतरीन बताते हुए कारोबारी माहौल सुधारने के लिए अन्य राज्यों को भी इसे अपनाने की सलाह दी गई है।
औद्योगिक नीति और प्रोत्साहन विभाग के लिए कंसल्टेंसी फर्म एसेंचर द्वारा तैयार की गई ‘बेस्ट प्रेक्टिस टु इंप्रूव द बिजनेस एंवायरमेंट एक्रॉस स्टेस्ट्स/यूटीज’ नामक रिपोर्ट में कर्नाटक और महाराष्ट्र में श्रम प्रबंधन के साथ व्यापार और निवेश की सुविधाओं की भी बात की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीन से जुड़े हस्तक्षेप के लिए गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीपी) के मॉडल को सबसे बेहतर चुना गया, लेकिन कुछ अन्य राज्यों ने भी उद्योग जगत के अनुकूल नीतियां बनाई हैं।
केंद्र प्रायोजित यह रिपोर्ट कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बैकफुट पर ला सकती है क्योंकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को कौड़ियों के भाव जमीन देने का आरोप लगा रही है।
रिपोर्ट में कहा है कि गुजरात में जमीन अधिग्रहण की नीति बेहद सरल है जिसमें सरकार का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप बहुत कम है। एक कारोबारी परेशानियों का सामना किए बिना जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई तेजी से पूरा करने के लिए जीआईडीसी से संपर्क कर सकता है।
इस संदर्भ में हरियाणा और आंध्र प्रदेश की जमीन अधिग्रहण नीति की भी चर्चा की गई है। रिपोर्ट में पर्यावरण मंजूरी के संदर्भ में गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तरीकों की भी प्रशंसा की गई है।