दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी को एक बार फिर अप्रत्याशित जीत मिलने की उम्मीद है। एक ताजा सर्वे के मुताबिक दिल्ली में AAP का जनाधार बढ़ा है।
इस बढ़ते जनाधार के बल पर आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक बार फिर दोनों विरोधियों को करारी शिकस्त दे सकती है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी के बेहतरीन प्रदर्शन से जहां दोनों विरोधी दलों को जबरदस्त झटका लगा था वहीं दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद AAP ने दिल्ली में सरकार बनाई थी।
ताजा सर्वे के मुताबिक लोकसभा चुनावों में दिल्ली में AAP पहले नंबर पर रहने वाली है जबकि बीजेपी को दूसरे व कांग्रेस को तीसरे स्थान ये संतोष करना पड़ेगा।
सर्वे के अनुसार, आम आदमी पार्टी के खाते में पांच सीटें जा रही हैं, जबकि भाजपा को दो सीटें मिलेंगी। सभी सीटों पर सीधा मुकाबला ‘आप’ व भाजपा के बीच है।
सभी सात सीटों के मुकाबले में कांग्रेस पार्टी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। यह करिश्मा दिल्ली के मुस्लिम वोटरों की बदौलत होने वाला है। सर्वे में मुस्लिम मतों को AAP के पक्ष में बताया गया है, जबकि भाजपा की पकड़ हिंदू पंजाबी में मजबूत बताई गई है।
AAP ने विधानसभा की तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी राजधानी में सर्वे करवाया है। सूत्रों के अनुसार, AAP के सर्वे का रिजल्ट पिछले दिनों आया था। इसमें उसका वोट शेयर 41 फीसदी दिखा।
वहीं, भाजपा को 33 फीसदी, कांग्रेस को 19 व अन्य को 7 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। इसमें लोगों से एक सवाल यह भी पूछा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में वो किसे देखना चाहते हैं।
इसमें 41 फीसदी ने केजरीवाल को बेहतर मुख्यमंत्री बताया जबकि 22 फीसदी ने हर्षवर्धन, सात ने विजय गोयल और 11 फीसदी लोगों ने कांग्रेस का समर्थन किया।