(मुद्रा से सम्बंधित नीचे दिए गए आंकड़े PPP-adjusted हैं, यानी कि उनको समय के साथ बढती महंगाई के प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है)
१. मेरी, आप की उम्र में इजाफा — १९४७ में एक हिन्दुस्तानी की सम्भावित उम्र (life expectancy) थी ३१ साल, आज यह है ६७.५ साल. (वैसे मेडिकल साइंस में लगातार होती तरक्की को देख कर, सैम पित्रोदा युवकों से कहते हैं, “आप २०० साल तक जियोगे”)
२. हर साल ज्यादा संख्या में engineering graduates देने वाले देशों में भारत दुसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर है चीन.
३. भारत यूरोप-अमेरिका के मुकाबले, economical उपग्रह-प्रक्षेपण सेवा प्रदान करता है. इस क्षेत्र में भारत को काफी आमदनी हुई है. अप्रैल २००८ में भारत ने एक साथ १० उपग्रह अन्तरिक्ष में भेज कर एक विश्व कीर्तिमान बनाया था.
४. पिछले दस सालों में शहरों में जो नए jobs उपलब्द हुए, उनमे से ४५% information technology sector में उपलब्द हुए. राजीव गाँधी और सैम पित्रोदा याद आते हैं. (सुनते हैं राष्ट्रवादियों ने देश में कंप्यूटर लाने का विरोध किया था.)
५. ज़रा गौर कीजिये — वर्ष १९९१ में भारत ७८७ billion डॉलर GDP (सकल घेरेलु उत्पाद) के साथ World GDP Ranking में दसवें स्थान पर था. ब्राज़ील भी हमसे आगे नवें स्थान पर था. वर्ष २०१३ में ५०३२ billion डॉलर GDP के साथ भारत तीसरे स्थान पर पहुँच गया है. यानि कि आज अमेरिका और चीन के बाद, भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है.
६. अमेरिका और चीन के बाद भारत की सेना विश्व में तीसरी बड़ी सेना है. और हथियार खरीद पर भारत विश्व में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करता है.
७. भारत goods निर्यात करने में विश्व में १९वे स्थान पर है, और goods आयात करने में १२वे स्थान पर.
८. भारत services निर्यात करने में विश्व में ८वे स्थान पर है, और services आयात करने में ७वे स्थान पर.
९. भारत के प्रथम तीन निर्यात क्षेत्र हैं — European Union, UAE और अमेरिका. क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से यूरोप और अमेरिका आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं, इसलिए निर्यात और हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है.
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अब, ये बातें जो ६० साल के बाद भी चिंता का विषय हैं:
१. देश के १७.४% परिवार slums में रहते है.
२. पांच वर्ष से कम की आयु के ४३% बच्चे underweight हैं. वैसे २० साल पहले ६०% बच्चे underweight थे. परन्तु अब भी underweight बच्चों के मामले में, हम विश्व में East Timor के बाद दुसरे नंबर पर हैं.
३. Gini coefficient किसी समाज में व्याप्त असमानता मापने का पैमाना है. इसकी value के बढ़ने का मतलब है समाज में असमानता बढ़ी है. १९९० में भारत का Gini coefficient ०.३३ था, जो २०१२ में बढ कर ०.३८ हो गया. यानी की पिछले २३ सालों में भारत में असमानता बढ़ी है.
४. वर्ष २०३० में भारत को १४९८ billion cubic meter पानी की ज़रुरत होगी, मगर भारत की पानी सप्लाई क्षमता केवल ७४४ billion cubic meter होने का अनुमान है. इसलिए आज ही पानी बचाने की आदत डालें.
भारत की अर्थव्यवस्था की तस्वीर के कई पहलुओं पर हाल ही में प्रकशित किताब “Reimagining India” प्रकाश डालती है. इस किताब में देशी-विदेशी विशेषज्ञों के अच्छे लेख हैं. यह किताब McKinsey & Company ने छापी है. उपरोक्त दिया गया ज़्यादातर data इस किताब से लिया गया है.
विजय चावला