बुलंदशहर रैली- मोदी के आगे मुलायम हुए फेल

mulayam-singh-yadavबुलंदशहर में मुलायम सिंह की रैली पर सपा ही नहीं भाजपा की भी नजर थी। सभी मोदी बनाम मुलायम के तौर पर इस रैली को देख रहे थे, लेकिन भीड़ से मोदी का मुकाबला मुलायम सिंह नहीं कर पाए।

नरेंद्र मोदी की रैली जिस मैदान में हुई थी, इसी में सपा ने भी नेताजी की रैली का आयोजन किया था। सपाइयों का तर्क था कि मोदी सरीखी रैली कर जनता को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। इस दावे में सपाई अपनी ही बनाई रणनीति में फेल हो गए।

मुलायम की रैली में सुबह ग्यारह बजे मैदान का बड़ा हिस्सा खाली थी, लेकिन बाद में विधायक गुड्डू पंडित के क्षेत्र डिबाई, मुकेश पंडित के क्षेत्र शिकारपुर और सुनील सिंह के क्षेत्र स्याना से लोगों के पहुंचने से नेताओं की सांस में सांस आई।

दरअसल, सपा गुटबाजी में फंसी हैं। कार्यक्रम में प्रत्याशी के साथ विधायक बंधुओं का वर्चस्व था। इसलिए कई वरिष्ठ कार्यकर्ता रैली में सक्रिय भागीदारी में नहीं रहे। भीड़ कम आने पर विधायक और आयोजक गुड्डू पंडित का कहना था कि मोदी 15 स्टेट से भीड़ को लेकर आया था। वह नकली भीड़ थी। सपा ने सिर्फ बुलंदशहर की जनता को बुलाया है। यह असली भीड़ है और सपा की ताकत है। चुनाव परिणाम सब साबित कर देंगे।

मोदी के सवालों का नहीं दिया जवाब 
मुलायम सिंह यादव के भाषण से उम्मीद थी कि वह 26 मार्च को मुलायम सिंह और सपा पर किए हमले का जवाब देंगे। मोदी के हर सवाल पर हमला बोलेंगे। लेकिन उन्होंने मोदी के नाम का जिक्र तक नहीं किया।

सिर्फ एक बात जरूर कही कि गुजरात के मुख्यमंत्री कितना भी प्रचार कर लें, उनकी पार्टी नहीं जीतने वाली। भाजपा के साथ कांग्रेस को एक साथ कोसा और कमजोर पार्टी बताया।

सपा में गुटबंदी थमने का नाम नहीं ले रही। जहांगीराबाद में अखिलेश यादव के सामने हुआ हंगामा गुरुवार को यहां मुलायम सिंह के सामने भी जा पहुंचा। मंच पर जगह हासिल करने की इच्छा रखने वालों की लंबी फेहरिस्त थी।

लेकिन मंच पर प्रभारी मंत्री रामसकल गुर्जर, युवजन सभा के प्रदेशाध्यक्ष एबाद अली, प्रभारी ठाकुर सुनील सिंह, विधायक गुड्डू पंडित, मुकेश पंडित, जिलाध्यक्ष हिमायत अली, सुजात आलम, अनिल देशभक्त, अशोक यादव, मुकेश यादव, अब्दुल रब आदि को जगह दी गई। जिला कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष डाक्टर तेजबीर सिंह समेत काफी नेताओं को रोक दिया गया।

मुलायम सिंह जैसे ही भाषण समाप्त कर चले तेजबीर सिंह ने ऐतराज जताया। उन्होंने विधायक बंधुओं पर गुटबाजी पैदा करने का आरोप लगा दिया। विधायक मुकेश शर्मा ने तेजबीर पर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में काम नहीं करने का आरोप जड़ दिया। इस पर मुलायम सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। नेताजी ने गुस्सा होते हुए दोनों पक्षों को शांत कर चुनाव में लगने की सख्त हिदायत दी।