जयललिता नहीं कर पाएंगी राजीव के हत्यारों को आजाद
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 7 हत्यारों को रिहा किए जाने से मना कर दिया। इस फैसले को सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला अब संवैधानिक पीठ को सुपुर्द किया जाता है।
अब संवैधानिक पीठ ही यह तय करेगी कि इन सातों दोषियों को रिहा किया जाना चाहिए या नहीं। यह पीठ इस बात का भी निर्णय करेगी कि केंद्र या राज्य सरकार ऐसा कर सकती है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के भीतर पांच या उससे अधिक जजों वाली संवैधानिक बेंच बनाने को कहा है।
राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी पाए सात दोषी तमिलनाडु की जेल में 20 साल से बंद हैं। फरवरी में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने इनको रिहा करने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और कहा कि उनको रिहा नहीं किया जा सकता।
इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि हमारे प्रधानमंत्री और देश के महान नेता के साथ कई निर्दोष लोगों के कातिलों को छोड़ना, कानून के सिद्धान्त के खिलाफ होगा।
इसी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को तीन मुजरिमों की फांसी की सजा कम कर आजीवन कारावास कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति से माफी की याचिका ठुकराए जाने के बाद भी उन्हें फांसी नहीं दी जा सकी।