उलझन में मुस्लिम, कौन है असली रहनुमा
पश्चिमी यूपी की दस सीटों पर गुरूवार को मतदान होने हैं यानी महज 24 घंटे बाद।
लेकिन यहां के मुस्लिम वोटर्स अब तक उधेड़बुन में हैं कि वे किसे वोट करें। कौन होगा उनका असली रहनुमा।
असल में इन सीटों के साथ ही अगले चरणों के चुनावों में मुसलमानों की रहनुमाई को लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस में तो जंग मची ही है, आम आदमी पार्टी भी इस लड़ाई में शामिल हो गई, लेकिन मुसलमान उलझ गए हैं।
वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस ओर रुख करें? वजह, कई सीटों पर अलग-अलग दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतार दिए हैं। इनमें कई बड़े इलाकाई क्षत्रप हैं।
मुस्लिमों की उधेड़बुन के बीच जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की मुसलमानों से भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को वोट देने की अपील ने मामला और उलझा दिया है।
वहीं, भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के करीबी और यूपी प्रभारी अमित शाह के ‘बदला’ लेने वाले बयान ने वोटों के ध्रुवीकरण की सियासत और गर्मा दी है।
इन हालातों में मुश्किलों के रुख को लेकर न सिर्फ सियासी दलों बल्कि मुस्लिम वोटरों की भी बेचैनी बढ़ती जा रही है। यह बेचैनी सीट-दर-सीट नजर आ रही है। कहीं उनका रुझान सपा की तरफ ज्यादा है तो कहीं बसपा या कांग्रेस की तरफ।