सांसद चुने जाने से पहले ही कानून तोड़ रहे हैं तो एमपी बनकर क्‍या करेंगे इमरान…..

अगर मोदी को मुसलमान वोट ना करें और भाजपा को हराना चाहें तो यह उनका संवैधानिक अधिकार सुरक्षित है लेकिन मसूद का मोदी को सबक सिखाने का सपना उसी कांग्रेसी बेवकूफी और आत्महत्या जैसा होगा जो अन्य कांग्रेसी नेताओं ने मोदी को अनाप शनाप कहकर उनके प्रति सहानुभूति और समर्थन पैदा किया है। मसूद अपनी पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी के गुजरात चुनाव के दौरान पिछली बार मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताने का नतीजा भी भूल गये। मसूद जैसे मुसलमानों को अगर यह लगता है कि मोदी ने 2002 में गुजरात में जानबूझकर दंगे कराये थे तो इसके लिये मोदी को घटिया और ओछे शब्दों में धमकी देने की बजाये प्रमाण और तर्क अदालत व जांच आयोग के सामने पेश किये जाने चाहिये। मसूद यह भी जानते होंगे कि वह सांसद बनने के लिये लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो उनको संविधान के हिसाब से हर हाल में चलना होगा।

Iqbal Hindustani