अच्छा लग रहा है तमाम लोग नसीहत दे रहे हैं की खुशवंत सिंह ने ये ठीक नहीं किया,वो काम ख़राब किया,वहां उनका घटियापन है तो कहाँ कमी रही हमेशा,कमजोरी क्या रही.इमरजेंसी में इंदिरा जी के साथ थे तो उनके बाप ने क्या किया..ऐसे ही कुछ दिन पहले भाई लोग लता जी को समझाने लगे थे,सचिन को गरियाने लगे थे.वाकई हम एक काबिल देश हैं,खुद को छोड़ सबके बारे में राय बनाते हैं…..कुतुबमीनार देखा है ?
धनंजय सिंह