टिकटों के घमासान के बीच भाजपा अब चुनावी नारों पर उलझ गई है। विवाद बढ़ता देख भाजपा ने ‘हर हर मोदी’ वाला नारा तो वापस ले लिया लेकिन ‘अब की बार मोदी सरकार’ नारे को एक बार वापस लेने के बाद फिर से उसी पर लौट आई। इससे ‘सबका साथ सबका विकास’ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ से लेकर ‘सुशासन संकल्प भाजपा विकल्प’ जैसे नारे पीछे छूट गए हैं।
यही नहीं, बल्कि चुनावी जंग की ‘भारत विजय’ रैलियों के लिए भाजपा ने जो पोस्टर जारी किया है, उसमें सिर्फ नरेंद्र मोदी ही हैं। इनमें लालकृष्ण आडवाणी तो दूर अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र तक नहीं है।
जबकि पिछले चुनावों में अटल-आडवाणी भाजपा की सभी प्रचार सामग्री में प्रमुखता से जगह पाते थे। ‘हर हर महादेव’ की तर्ज पर ‘हर हर मोदी’ नारे पर धार्मिक विवाद की आशंका देख भाजपा अब इसे अपना नारा बताने से भी कतराने लगी है।
भाजपा नेता कहने लगे हैं कि पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इसे कभी भी घोषित नहीं किया, यह उत्साही कार्यकर्ताओं ने खुद गढ़ा। बहरहाल, भाजपा में पहली बार हो रहा है जब चुनाव प्रचार किसी एक व्यक्ति के इर्द गिर्द सिमट गया है। जबकि संघ प्रमुख भी इस पर अपनी असहमति जता चुके हैं।