हर्षवर्धन ने तोड़ी बीजेपी की परंपरा

harshvardhanदिल्ली भाजपा के नए अध्यक्ष हर्षवर्धन इस पद नियुक्त होने के पहले भले ही हामी नहीं भर रहे थे, लेकिन इस कुर्सी को लेकर उनकी उत्सुकता देखते ही बनी।

जिम्मेदारी मिलने के साथ ही वे इस कुर्सी पर बैठने की परंपरा तक भूल गए। बिना देरी किए वे बृहस्पतिवार को प्रदेश कार्यालय धमके और बागडोर संभालने की कवायद में जुट गए।

प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन परंपरा का ख्याल रखे बगैर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल की अनुपस्थिति में ही उनकी कुर्सी पर बैठ गए।

परंपरा यह है कि नए अध्यक्ष पुराने की उपस्थिति में ही कार्यभार संभालते हैं। इस नजारे के बाद पार्टी कार्यालय में ही चर्चा तेज हो गई कि संघ के ही कार्यकर्ता परंपरा तोड़ रहे हैं।

इस संबंध में डॉ. हर्षवर्धन का कहना था कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है।

पार्टी के हर नेता व कार्यकर्ताओं का एक-एक मिनट कीमती है। हम समय का उपयोग करने पार्टी कार्यालय पहुंचे है।

पिछली बार भी जब पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विजय गोयल को अध्यक्ष बनाया गया और विजेंद्र गुप्ता एक दिन बाद दिल्ली में उपस्थित हुए तो गोयल को इंतजार करना पड़ा था।

विजय गोयल बृहस्पतिवार को राजस्थान में थे। हालांकि औपचारिकता शुक्रवार को करने की बात की जा रही है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि शुक्रवार को विजय गोयल के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति में हर्षवर्धन अधिकारिक तौर पर पद संभालेंगे।