नई दिल्ली : हाल ही में एक समाचार चैनल द्वारा दिल्ली पुलिस के सात कर्मियों को घूस लेते दिखाए जाने पर दिल्ली पुलिस के मुखिया को शर्मिदगी का सामना करना पड़ा था। लिहाजा, पुलिस के आला अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में संपर्क सभा कर मातहतों को नसीहत देनी शुरू कर दी है कि वह किसी तरह के लालच में न आएं और भ्रष्टाचार से दूर रहें। इस कड़ी में शनिवार को दक्षिण-पूर्वी जिले के सरिता विहार स्थित डीसीपी कार्यालय में डीसीपी डॉ. पी. करुणारन ने संपर्क सभा का आयोजन किया। डीसीपी ने जब मातहतों से सिस्टम की खामियां व उसमें सुधार के लिए उनकी राय जानने की कोशिश की तो एक हवलदार ने हिम्मत जुटाकर कहा कि साहब ऊपर से नीचे तक सारा सिस्टम खराब है। जब तक ऊपर के लोग नहीं सुधरेंगे तब तक नीचे भी सुधार नहीं हो सकता है।
हवलदार की यह बात सुनकर पहले तो डीसीपी कुछ क्षण के लिए सन्न रह गए। लेकिन उन्होंने जब खराब सिस्टम के बारे में जानकारी मांगी तो हवलदार ने उदाहरण देते हुए कहा कि सर रात को अगर सड़क पर गाड़ियां टकरा जाती हैं तब उन्हें हटाने के लिए निजी क्रेन को पैसे देकर बुलाना पड़ता है। निजी क्रेन वाले को पुलिसकर्मी अपनी जेब से पैसे क्यों देगा? इसलिए मजबूरी में दो-चार पैसे इधर-उधर से कमाने पड़ते हैं। हवलदार का यह भी कहना था कि बगैर दो पैसे अतिरिक्त कमाई के कोई दिन-रात नौकरी क्यों करेगा? डीसीपी ने जब पूछा, यातायात पुलिस की क्रेन मौके पर नहीं आती? हवलदार ने कहा, सर आप आजमा कर देख लें। इस पर डीसीपी ने कहा कि वह इस संबंध में यातायात पुलिस के डीसीपी से बात करेंगे। डीसीपी ने कहा, रात को जब भी जरूरत होगी तो यातायात पुलिस की क्रेन को ही बुलाया जाएगा। डीसीपी ने मातहतों से पूछा, क्या 10 हजार में ही जिले के चार थानों की पुलिस बिक गई तो पुलिसकर्मियों को शर्मिदगी का एहसास हुआ। लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा होने पर कई पुलिसकर्मियों ने अधिकारी के समक्ष सच्चाई भी रखी, जिसे अधिकारी टाल गए। उन्होंने संयम तथा विवेक से सचेत होकर काम करने के निर्देश दिए जिससे उन पर कोई दाग न लगे। संपर्क सभा में दक्षिण-पूर्वी जिले के सभी थानों के थानाध्यक्ष, सभी सब डिवीजनों के एसीपी, चौकी इंचार्ज व एसआइ समेत हर थाने से कुछ हवलदार व सिपाही मौजूद थे।